Justice Shekhar Yadav: इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर यादव के एक बयान के बाद विपक्षी दल उनके खिलाफ महाभियोग लाने का विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने महाभियोग तैयार किया, जिस पर विपक्ष के 37 सांसदो ने हस्ताक्षर किए हैं. इसमें कांग्रेस को आम आदमी पार्टी, आरजेडी, सीपीआई, सीपीएम, डीएमके, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस का साथ मिला है. 


महाभियोग को लेकर हस्ताक्षर करने की औपचारिकताएं बुधवार (11 दिसंबर 2024) को इसलिए पूरी नहीं हो सकी क्योंकि संसद के ऊपरी सदन की कार्यवाही जल्दी स्थगित हो गई और इसके कई सदस्य चले गए थे. सूत्रों के अनुसार आज यानी 12 दिसंबर को बाकी बचे सांसदों के हस्ताक्षर करवा कर इस महाभियोग प्रस्ताव को राज्यसभा सचिवालय में दिया जाएगा. जज इंक्वायरी एक्ट के तहत जजों पर कार्रवाई होती है. इसमें तीन जजों की जांच कमेटी से उस मामले की जांच करवाई जाती है, जिसे लेकर जज पर आरोप होता है.


विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के कार्यक्रम में जस्टिस शेखर यादव ने कहा था कि एक से ज्यादा पत्नी रखने, तीन तलाक और हलाला के लिए कोई बहाना नहीं है और अब ये प्रथाएं नहीं चलेंगी. उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपने बहुसंख्यकों की इच्छा के अनुसार चलेगा. उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और देश में राजनीति बवाल शुरू हो गया.


मामला इतना बढ़ गया कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट ने इस भाषण को लेकर जज शेखर यादव से विस्तृत जानकारी मांगने के साथ-साथ इलाहाबाद हाई कोर्ट को डिटेल में ब्योरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.  इससे पहले राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग लाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था, "कोई भी जज इस तरह का बयान देकर अपने पद की शपथ का उल्लंघन करता है. अगर वह पद की शपथ का उल्लंघन कर रहा है, तो उसे उस कुर्सी पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है.’’  


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