Allahabad HC On PM Modi Nomination Cancelation Plea: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी से सांसद के लिए नॉमिनेशन कैंसिल करने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका डाली गई थी. अदालत ने इसे खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने 19 दिन के देरी से दाखिल करने की वजह से चुनाव याचिका को खारिज कर दिया.


अदालत ने अपने फैसले में कहा कि चुनाव याचिकाएं निर्वाचन के 45 दिनों के अंदर ही दाखिल की जाती हैं. कोर्ट ने याचिकाकर्ता विजय नंदन की ओर से दाखिल चुनाव याचिका को जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह की सिंगल बेंच ने इसी दलील के साथ खारिज कर दिया. चुनाव याचिका तीन सितंबर को दायर की गई थी.


कोर्ट ने पूछा- सोचने के लिए समय चाहिए क्या?


बेंच ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून में याचिका दाखिल करने में हुई देरी की माफी की व्यवस्था नहीं है. याचिका समय सीमा 45 दिन के भीतर दाखिल करने पर ही सुने जाने की व्यवस्था है. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में याची से पूछा था कि क्या वह इस पहलू पर समय लेना चाहते हैं. इस पर याचिकार्ता ने समय की मांग की थी. फिर कोर्ट ने मामले को 18 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था.


क्या है पूरा मामला?


दरअसल, मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के रहने वाले विजय नंदन ने पिछले लोकसभा चुनाव में जनहित किसान पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर वाराणसी सीट से चुनाव लड़ा था. उनका आरोप है कि उनका नामांकन मनमाने तरीके से खारिज कर दिया गया. उनका कहना था कि उनके कागजात में कोई गलती नहीं थी और वाराणसी में चुनाव निष्पक्ष तरीके से नहीं हुए.


नामांकन खारिज कर करने के पीछे उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रभाव के कारण उनकी उम्मीदवारी को अमान्य कर दिया गया. इसके बाद उन्होंने कोर्ट का रुख किया और अनुरोध किया कि वाराणसी सीट के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जाएं और उनके नामांकन को वैध के रूप में बहाल किया जाए.


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