Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दल एकजुट होने की पूरी कोशिश में हैं. बिहार की राजधानी पटना (Patna) में इसे लेकर 23 जून को विपक्षी दलों की महाबैठक भी हुई थी. विपक्ष ने इसे ऐतिहासिक बैठक करार दिया था. अब जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने बैठक में बनाई गई रणनीति को लेकर एबीपी न्यूज से बातचीत की.
केसी त्यागी का दावा है कि 450 सीटों पर बीजेपी के एक उम्मीदवार के मुकाबले विपक्ष के एक उम्मीदवार को उतारने पर रणनीति बन चुकी है. त्यागी ने एक दर्जनों राज्यों का नाम लेकर बताया कि कहां-कहां बीजेपी के मुकाबले एक साझा उम्मीदवार उतरेगा. उन्होंने कहा, "पश्चिम बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस का और उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस का गठबंधन लगभग तय है."
कौन-कौन से राज्य शामिल
त्यागी ने बताया इसमें बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, नॉर्थ ईस्ट की सभी सीटें, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश समेत लगभग एक दर्जन से ज्यादा राज्य शामिल हैं. उन्होंने कहा, "2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में जिस तरह का रुझान बीजेपी के पक्ष में था लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. जनता के बड़े हिस्से में वर्तमान सरकार को लेकर काफी निराशा है.
इन दलों को नहीं था न्योता
त्यागी ने कहा, "2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में जिस तरह का रुझान बीजेपी के पक्ष में था इस बार ऐसा नहीं होगा. जनता के बड़े हिस्से में वर्तमान सरकार को लेकर काफी निराशा है. केसी त्यागी ने कहा, "हमे खुशी है कि ज्यादा से ज्यादा राजनीतिक दलों के नेता इस बैठक में शामिल हुए. हमने बीजेडी, वाईएसआर, केडीपी और बीआरएस को नहीं बुलाया था."
'जिन्हें बुलाया वो सब थे मौजूद'
उन्होंने कहा, "इस तरह के प्रचार गलत हैं कि ये दल बैठक में शामिल नहीं हुए. हमारा कोई निमंत्रण इन दलों को नहीं गया था और जिन भी दलों को बुलाया गया था लगभग वो सभी बैठक में मौजूद थे. जो दल, नेता और मुख्यमंत्री मौजूद थे उनकी लगभग 450 लोकसभा सीटों पर मजबूत स्थिति है. इन सीटों पर हम बीजेपी के एक उम्मीदवार के मुकाबले में एक उम्मीदवार को उतारने के फैसले पर लगभग सहमत हैं."
आप को लेकर क्या बोले?
आम आदमी पार्टी को लेकर उन्होंने कहा, "विपक्षी दलों की बैठक किसी एक पार्टी की नहीं बल्कि अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक थी लिहाजा उसमें किसी एक पार्टी का एजेंडा नहीं रखा जाता. उसमें अलग-अलग राजनीतिक दलों के कॉमन एजेंडे पर चर्चा होती है. अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेताओं को सलाह दूंगा कि फिलहाल जल्दबाजी में कोई बयान न दें."
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