श्रीनगर: पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर में बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने की वजहों का खुलासा करते हुए कहा कि उन्होंने बीजेपी की उस संधि को मानने से इनकार कर दिया था, जिसमें मारे गए आतंकियों के शव को अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवार वालों को नहीं सौंपने की बात कही गई थी. इसके अलावा जमात-ए-इस्मलामी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई लॉन्च करने की बात भी कही गई थी.


श्रीनगर के पीडीपी मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं और डीडीसी चुनाव के विजेताओं को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि दिवंगत मुफ्ती मुहम्मद सईद ने बीजेपी के साथ सिर्फ इसलिए हाथ मिलाया था, ताकि आर्टिकल 370 को कोई न छुए. उन्होंने कहा, "पीडीपी और बीजेपी के बीच एक एग्रिमेंट हुआ था कि आर्टिकल 370 को हाथ नहीं लगाया जाएगा, ऐतिहासिक रोड खोले जाएंगे और हुर्रियत लीडर्स और पाकिस्तान के साथ डायलॉग होगा. गठबंधन का ये एजेंडा था."


महबूबा मुफ्ति ने कहा कि गठबंधन तब टूटा जब बीजेपी ने उन्हें एक संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा, जिसमें लिखा था "आतंकियों के शव (लोकल या विदेशी) अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवार वालों को नहीं सौंपे जाएंगे और पूरे कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की शुरुआत होगी." उन्होंने कहा, "मैंने इस प्लान को मानने से इनकार कर दिया, जिसके कारण जम्मू कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन टूट गया."


कृषि कानूनों को लेकर की बीजेपी की आलोचना
महबूबा मुफ्ती ने तीन नए कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की आलोचना भी की, जिसके खिलाफ किसान आंदोलनरत हैं. उन्होंने कहा, ' सरकार कृषि कानून लाई और किसान इसके विरोध में कड़ाके की ठंड में भी सड़कों पर उतरे हुए हैं. अगर कानून किसानों को स्वीकार नहीं हैं तो क्या ये उनके फायदे के लिए हो सकते हैं? अगर आप ऐसे कानून लाते हैं जोकि लेागों को ही स्वीकार नहीं हैं तो आप देश के संविधान का अपमान कर रहे हैं.'


महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करके सरकार ने संविधान का अपमान किया है. उन्होंने पूछा, "नेशनल कॉन्फ्रेंस स्वायत्तता की बात करती है और यह संविधन के दायरे में है. हम (पीडीपी) स्वशासन, खुली सीमाओं और मेल-जोल की बात करते हैं.... आप बंदूक के बल पर कब तक शांति बनाए रख सकते हैं?"


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