नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट ने 29 नवंबर तक के लिए टाल दी. सुनवाई टलने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई को आलोक वर्मा और सीवीसी की तरफ से दायर जवाब का कुछ अंश लीक होने का अंदेशा है. और इसी बात से सीजेआई नाराज हैं. सुनवाई के दौरान आज CJI ने आलोक वर्मा के वकील फली नरीमन से स्पष्टीकरण मांगा. पूछा कि दूसरा वकील कल जवाब दाखिल करने के लिए समय कैसे मांगने पहुंचा.


जिसके बाद वकील फली नरीमन और गोपाल शंकरनारायणन ने कोर्ट के सामने कुछ मेंशन करने की इजाज़त मांगी. जिसपर अदालत में अभी सुनवाई हो रही है. फली नरीमन, प्रशांत भूषण, दुष्यंत दवे समेत कई वकील अभी कोर्ट रूम में मौजूद हैं. हालांकि सीजेआई रंजन गोगोई काफी नाराज हैं.


उन्होंने कहा कि कल हमने आपको (नरीमन) कहा था कि गोपनीयता बरतें पर इस याचिका ( सिन्हा की) में सारी जानकारी दे दी गयी. इस केस में हम आपकी कोई मदद नहीं कर सकते हैं. सीजेआई ने कहा कि ये कोर्ट आपकी बात सुनने के लिए नहीं बल्कि कानून की बात सुनने के लिए है. उन्होंने आगे कहा कि हम CBI की गरिमा बनाए रखना चाहते थे. लगातार कुछ बातें उजागर की जा रही हैं.


इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि हम इस मामले को 29 नवंबर तक टाल रहे हैं. रिपोर्ट है कि वर्मा के जवाब और सीवीसी की रिपोर्ट को कुछ मीडिया संस्थानों ने छापा है. चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा, ''हमने आपको (नरीमन) बेहद सम्मानित वरिष्ठ वकील की हैसियत से रिपोर्ट दी. वर्मा के वकील की हैसियत से नहीं.'' जवाब में फली नरीमन ने मीडिया की ज़िम्मेदारी का मसला उठाया. उन्होंने वकील बदलने के मामले पर कहा कि उन्होंने (नरीमन) इसकी अनुमति नहीं दी थी.


दरअसल, कल सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने CVC रिपोर्ट पर जवाब के लिए अतिरिक्त समय मांगा था. कोर्ट ने उन्हें 3 घंटे का समय देते हुए कहा, ''सुनवाई कल (यानि आज) ही होगी. उसे टाला नहीं जाएगा.'' CVC रिपोर्ट में वर्मा के खिलाफ दर्ज कुछ 'गंभीर बातों' पर कोर्ट ने उन्हें कल दोपहर 1 बजे तक जवाब देने को कहा था.


आलोक वर्मा को क्यों जवाब दाखिल करना पड़ा?
सुप्रीम कोर्ट ने 16 नवंबर को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की जांच रिपोर्ट पर जवाब देने के लिए कहा गया था. वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने लगाए हैं. वर्मा से सीलबंद लिफाफे में जवाब देने के लिए कहा गया था. हालांकि जो जवाब उन्होंने दिया है उसे लीक होने की आशंका है.