नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एलजी हाउस में धरने का आज सातवां दिन है.आईएसएस अफसरों की कथित हड़ताल को लेकर आप और एलजी के बीच की जंग अब पीएम मोदी के सामने पहुंच गई है. एक दिन पहले ही केजरीवाल के धरने को समर्थन देने वाले 4 गैर बीजेपी मुख्यमंत्रियों ने आज नीति आयोग की बैठक के दौरान ही पीएम मोदी के सामने उठाया है. सूत्रों के मुताबिक चारो मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला है.
आपको बता दें कि शनिवार को ममता बनर्जी, चंद्रबाबू नायडू, कुमारस्वामी और पी विजयन ने इस मुद्दे पर केजरीवाल के समर्थन की घोषणा करते हुए उनसे मुलाकात की कोशिश की. हालांकि इसकी अनुमति नहीं मिलने के बाद ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए इसे संवैधानिक संकट जैसे हालात तक बता डाला था. कल चारो मुख्यमंत्रियों ने केजरीवाल के परिवार से मुलाकात की थी.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी कैबिनेट के साथी मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और गोपाल राय अपनी मांगों को लेकर एलजी से मिलने गए थे. एलजी ने इन सभी से मुलाकात की लेकिन मांगें मानने से मना कर दिया जिसके बाद चारो नेता धरने पर बैठ गए. सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया ने भूख हड़ताल कर दी.
चार बजे प्रधानमंत्री आवास का घेराव करेगी AAP
आम आदमी पार्टी आज केजरीवाल के धरने को लेकर प्रधानमंत्री आवास का घेराव करेगी. इस जुलूस में सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी भी शामिल होंगे. दिल्ली पुलिस का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने इस प्रदर्शन के लिए इजाजत नहीं ली है. पार्टी के प्रदर्शन को देखते हुए प्रधानमंत्री आवास के पास के चार मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं.
आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगें आईएएस अधिकारी
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार दिल्ली के आईएस अफसरों पर निशाना साध रहे हैं. उनका कहना ह कि आईएएस अधिकारी जानबूछ कर हड़ताल पर हैं और काम में सहयोग नहीं कर रहे हैं. केजरीवाल के इस आरोप के जवाब में आज पहली बार आईएस एसोशिएसन प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा. यह प्रेस कॉन्फ्रेंस 30.30 बजे होगी.
केजरीवाल ने पूछा नीति आयोग की बैठक में LG कैसे पहुंचे? CEO ने कहा- यह झूठ है
नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की चौथी बैठक आज राष्ट्रपति भवन में चल रही है. इस बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नहीं शामिल हुए. केजरीवाल का दावा है कि उनकी जगह उप राज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल ने बैठक में भाग लिया जबकि उन्होंने बैठक में शामिल होने के लिए एलजी को अधिकार नहीं दिया था. इस पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने इस खबर को गलत बाताय. उन्होंने कहा कि नीति आयोग की गवर्निंग काउन्सिल की चौथी बैठक में दिल्ली के उप राज्यपाल ने शिरकत नहीं की.
बीजेपी के निशाने पर चारों मुख्यमंत्री
केजरीवाल को चार मुख्यमंत्रियों का साथ मिलने से बीजेपी खासी नाराज नजर आई। बीजेपी का कहना है कि चारों मुख्यमंत्रियों को साजिश रचने की बजाए दिल्ली की जनता का दर्द देखना चाहिए. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने ट्वीट किया, ''यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चार मुख्यमंत्रियों ने खुद को धरना तमाशा का हिस्सा बना लिया है. वास्तव में उन्हें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सलाह देनी चाहिए कि वो दिल्ली में पीने पानी की समस्या का हल करें, जिसे दिल्ली की जनता झेल रही है. आधिकारियों का विश्वास हासिल करें.''
तिवारी ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, ''पहले ममता बनर्जी ने ईद में सेलिब्रेशन का हवाला देकर नीति आयोग की बैठक को एक दिन आगे बढ़ाने के लिए कहा और वो दिल्ली में धरना तमाशा की राजनीति में हिस्सा ले रही हैं.''
क्या हैं केजरीवाल की तीन मांगे?
सीएम केजरीवाल आईएएस अधिकारियों को हड़ताल खत्म करने का निर्देश देने, चार महीनों से कामकाज रोक कर रखे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और उनकी सरकार की ‘डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ राशन’ योजना के प्रस्ताव को मंजूरी देने सहित तीन मांगें की है.