Mohammed Zubair Moves Supreme Court: फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्ज 6 एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर यूपी में गठित की गई SIT की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी है.
यूपी सरकार ने मंगलवार को मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच के लिए विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) का गठन किया था. अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने यहां बताया कि एसआईटी से कहा गया है कि वह जुबैर के खिलाफ मामलों की तेजी से जांच कर अदालत में चार्जशीट दाखिल करे.
उन्होंने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक (कारागार) डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह एसआईटी का नेतृत्व करेंगे जबकि महानिरीक्षक अमित वर्मा इसके सदस्य होंगे. जांच में मदद के लिए एसआईटी में तीन पुलिस उपाधीक्षक मनोनीत किए जाएंगे.
इन जिलों में दर्ज है FIR
जुबैर के खिलाफ सीतापुर, लखीमपुर खीरी, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और हाथरस जिले में कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में मुकदमे दर्ज किए गए हैं.
जुबैर ने कथित रूप से कुछ समाचार चैनलों के पत्रकारों पर कटाक्ष किया था. इसके अलावा उन पर हिंदू देवी देवताओं का कथित अपमान करने के साथ-साथ भड़काऊ पोस्ट सोशल मीडिया पर डालने का आरोप भी है.
सीतापुर में जुबैर के खिलाफ हिंदू शेर सेना के जिलाध्यक्ष भगवान शरण की तहरीर पर गत एक जून को भारतीय दंड विधान की धारा 295 (क) (जानबूझकर धार्मिक भावनाएं भड़काना) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 67 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था.
शरण ने जुबैर द्वारा किए गए एक ट्वीट की शिकायत की थी, जिसमें तीन हिंदूवादी नेताओं यति नरसिंहानंद सरस्वती, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप पर कथित नफरत फैलाने का आरोप लगाया गया था.
लखीमपुर खीरी में जुबैर के खिलाफ पिछली 25 नवंबर को आशीष कटियार नामक व्यक्ति ने मुकदमा दर्ज कराया था. उसने अपनी शिकायत में जुबैर पर ट्वीट के माध्यम से उसके चैनल के बारे में लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया है.
कुछ ऐसे ही आरोपों में अन्य जिलों में भी जुबैर (Mohammed Zubair) के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जुबैर को सीतापुर में दर्ज मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी.