Mohammad Zubair Case: ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की अर्जी पर पटियाला हाउस कोर्ट में अब 14 जुलाई यानी गुरुवार को सुनवाई होगी. वैमनस्यता फैलाने के आरोप में दिल्ली में दर्ज केस पर सुनवाई पटियाला हाउस सेशन्स कोर्ट ने परसों तक के लिए टाल दी है.


दिल्ली पुलिस के वकील ने इस मामले में बहस के लिए और ज्यादा समय की मांग की थी और अदालत से अनुरोध किया कि वे इस मामले को गुरुवार को सुनवाई के लिए लिया जाए. हालांकि, मोहम्मद जुबैर की तरफ से पेश हुए वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि दो दिनों के लिए इस मामले को टालना अनुचित होगा. उन्होंने कहा कि अगर संभव हो तो इस मामले पर कल सुनवाई की जाए.


गौरतलब है कि चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट से ज़मानत अर्जी खारिज होने के आदेश को ज़ुबैर ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी है. साल 2018 में किये एक ट्वीट के चलते ज़ुबैर पर  धार्मिक भावनाएं आहत करने और वैमनस्य फैलाने का आरोप में गिरफ्तार किया गया था. बाद में उसके खिलाफ FCRA एक्ट के सेक्शन 35 और सबूतों के साथ छेड़छाड़ का मामला भी दर्ज कर लिया गया था.


ज़ुबैर की ओर से वकील वृंदा ग्रोवर ने दलील देते हुए कहा- जिस ट्वीट के चलते ज़ुबैर की गिरफ्तारी हुई है, वो 2018 में किया गया था. ये 1983 में आई ऋषिकेश मुखर्जी की फ़िल्म किसी से न कहना का सीन है. ये फ़िल्म सबने देखी है. इस पर कोई रोक नहीं है. कोर्ट चाहे तो उस सीन के वीडियो को कोर्ट रूम में भी  दिखाया जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि  ज़ुबैर ने ट्वीट किया, वैसा बहुत सारे लोगो ने किया है. ( बीजेपी के बाद, बीजेपी से पहले का हवाला देकर). यहां तक कि एक अखबार में भी ये छपा लेकिन कार्रवाई सिर्फ ज़ुबैर के खिलाफ हुई.


इससे पहले, यूपी की लखीमपुर कोर्ट ने आपत्तिजनक ट्वीट से जुड़े मामले में  Alt News के सह संस्‍थापक मोहम्‍मद जुबैर को 14 दिन की न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया. जुबैर को अब 25 जुलाई तक न्‍यायिक हिरासत में रहना होगा. वहीं, कोर्ट अब जमानत याचिका पर 13 जुलाई को सुनवाई करेगी. बता दें कि आपत्तिजनक ट्वीट मामले में जुबैर के खिलाफ सितंबर 2021 में एक केस दर्ज हुआ था. 


मोहम्मद जुबैर को 27 जून को धार्मिक भावनओं के आहत करने वाले एक ट्वीट के मामले में गिरफ्तार किया था. आपको बता दें कि हिंदू शेर सेना के सीतापुर के जिलाध्यक्ष भगवान शरण द्वारा बीते एक जून को धार्मिक भावनाएं आहत करने को लेकर जुबैर के शिकायत दर्ज कराई गई थी.  जुबैर ने बजरंगमुनि, यति नरसिंहानंद और आनंद स्वरूप को ट्वीटर पर लिखा था "घृणा फैलाने वाले". हिन्दू शेर सेना के जिलाध्यक्ष भगवान शरण की तहरीर पर जुबैर के खिलाफ ये मुकदमा हुआ था.


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