श्रीनगर: पीडीपी के पूर्व नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री रहे अल्ताफ बुखारी ने रविवार को नया राजनीतिक संगठन बनाने की घोषणा की. उन्होंने अपनी पार्टी का नाम ‘जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी’ रखा है. बुखारी ने जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने और रोजगार व शिक्षा में मूल निवासियों के अधिकारों को फिर से बहाल कराने की दिशा में काम करने का संकल्प जताते हुए कहा कि राज्य को केंद्र शासित क्षेत्र में बांटना ‘अप्रिय और पीड़ादायक’ था.


कृषि विज्ञान में स्नातक 60 साल के अल्ताफ बुखारी ने अपने आवास पर जेकेएपी के गठन की घोषणा की और इस दौरान पूर्व विधायकों के अलावा उनके साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस और भाजपा के कई पूर्व नेता भी नजर आए. कुछ पूर्व निर्दलीय विधायक भी इस दौरान मौजूद थे.


उन्हें एकसुर में जेकेएपी का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया. बुखारी ने घोषणा की कि नई पार्टी 'आम लोगों की, आम लोगों के लिये, आम लोगों द्वारा' शुरू की गई है. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट तथ्य है कि जम्मू कश्मीर 1990 से ही मुश्किल दौर से गुजर रहा है, जिसके चलते क्षेत्र में मौत और बर्बादी के अभूतपूर्व परिदृश्य बने.


बुखारी ने कहा, ‘‘हालांकि पांच अगस्त 2019 को हुआ घटनाक्रम कुछ नए सवाल और वास्तविकताएं सामने लेकर आया.’’ उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के 70 साल के इतिहास में यह कोई नहीं जानता था और न ही किसी ने कल्पना की थी कि विशेष स्थिति वाला एक पूर्ण राज्य तोड़कर केंद्र शासित क्षेत्र बना दिया जाएगा.


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सरकार ने पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को रद्द कर उसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में विभाजित कर दिया था. यह केंद्र शासित क्षेत्र पिछले साल 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आए थे.


बुखारी ने कहा, ‘‘यद्यपि अप्रिय और पीड़ादायक है, लेकिन इस हकीकत से इनकार नहीं किया जा सकता कि अगस्त 2019 में हुए घटनाक्रम, खास तौर पर पूर्व राज्य के दर्जे को खत्म किये जाने, ने जम्मू कश्मीर के लोगों के आत्मसम्मान, गर्व और आत्मविश्वास को बुरी तरह प्रभावित किया है.’’


पीडीपी-भाजपा सरकार में मंत्री रहे बुखारी ने कहा कि इससे राजनीतिक संस्थान न सिर्फ पूरी तरह बंद हो गए, बल्कि नतीजा केंद्रित और उद्देश्यपूर्ण विकासपरक गतिविधियां भी बाधित हो गईं.


कारोबारी से राजनेता बने बुखारी ने कहा, ‘‘इसलिये, जम्मू कश्मीर में एक तरह आक्रामक असंतोष है तो दूसरी तरफ पूर्ण उदासीनता का रवैया व्याप्त है, जिसे किसी भी कीमत पर अनदेखा और समाधान के बिना नहीं छोड़ा जा सकता.’’


उन्होंने कहा कि स्थिति की मांग के अनुरूप, ‘‘एक दल बिना चांद-तारे तोड़ने के वादे किये लोगों की तार्किक अकांक्षाओं पर प्रतिक्रिया दे सकता है.’’ बुखारी ने इस मौके पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की रिहाई की मांग भी की और कहा कि यह लोकतंत्र के लिये अच्छा नहीं कि नेताओं को ‘जेलों’ में रखा जाए.


यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी अलगाववादियों को पक्षकार मानती है, जेकेएपी अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र शासित क्षेत्र का हर नागरिक पक्षकार है. बुखारी ने कहा कि पार्टी कश्मीरी पंडितों की गरिमापूर्ण वापसी, युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण और सतत तथा संतुलित क्षेत्रीय आर्थिक विकास भी चाहती है.


उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अन्य दलों से अलग होगी क्योंकि वह परिवारों द्वारा शुरू नहीं की गई है. उनके निशाने पर संभवत: नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी थे. उन्होंने उन आरोपों को खारिज किया कि जेकेएपी को केंद्र का छद्म समर्थन है और कहा कि जब भी कोई लोगों की बात करने के लिये आगे आता है उस पर ठप्पा लगा दिया जाता है.


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नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा कि यह स्पष्ट हो रहा है कि जम्मू कश्मीर की वैध और शीर्ष राजनीतिक आवाजों को हिरासत में रखा जाना राज्य की कानून-व्यवस्था से जुड़ा नहीं है, बल्कि विशुद्ध रूप से राजनीतिक प्रकृति का है.


उन्होंने एक बयान, ‘‘नए राजनीतिक संगठन का उभरना उन लोगों का काम है जो जम्मू कश्मीर के वास्तविक प्रतिनिधियों की आवाज को कमजोर करना चाहते हैं. यह कदम जम्मू कश्मीर के लोगों की असल राजनीतिक अकांक्षाओं को धोखा देने के लिये है.’’


जम्मू कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष ए मीर ने जेकेएपी को ‘भगवा दल की एक शाखा करार दिया’ यह उन विभिन्न पक्षों की रचना है, जो हमेशा से जम्मू कश्मीर की राजनीतिक व्यवस्था में अफरा-तफरी मचाने पर अमादा रहते हैं. जेकेएपी का घोषणा-पत्र पढ़ते हुए बुखारी ने कहा कि पार्टी जम्मू कश्मीर के लोगों का “आत्म सम्मान और गौरव” बहाल करने की कोशिश करेगी जो इस राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्र में विभाजित करने से चोटिल हुआ है.


तत्कालीन राज्य की पिछले विधानसभा में बुखारी शहर के अमीराकादल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे. बुखारी के साथ संवाददाता सम्मेलन में पार्टी में शामिल हुए कई पूर्व मंत्री और विधायक भी मौजूद थे. कारोबारी से राजनेता बने बुखारी ने कहा कि पार्टी सत्ता की भूखी नहीं है और आम लोगों के लिये काम करना चाहती है.