नई दिल्ली: राजस्थान के अलवर में गो तस्कर होने के शक में गोरक्षा के नाम पर सड़क पर घूम रहे गुंडों ने रकबर उर्फ अकबर नाम के शख्स की जान ले ली थी. लेकिन हत्या का विवाद इससे भी आगे बढ़ चुका है. पुलिस पर आरोप है कि उसने घायल रकबर को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया. जब पुलिस मौके पर पहुंची तब उसे रकबर से ज्यादा चिंता गाय की थी. और उससे भी बड़ी बात ये कि पुलिस वाले जब उसे अस्पताल की बजाय थाने लेकर जा रहे थे तब भी रास्ते में रूक कर चाय पीने लगे.
सामने आया सीसीटीवी फुटेज
इसी घटना का एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया है, जिसमें अलवर में रामगढ़ के अस्पताल और पुलिस स्टेशन के बीच की सड़क दिख रही है. इस वीडियो में एक खाली गाड़ी दिखाई दे रही है जिसके पीछे पुलिस की गाड़ी है. खाली गाड़ी में कोई नज़र नहीं आ रहा है. ये वीडियो उस वक्त का है जब पुलिस की गाड़ी गायों को गौशाला छोड़कर वापस थाने जा रही थी. जानकारी के मुताबिक इस वक्त रकबर गाड़ी में नहीं था. रकबर थाने में ही था. पुलिस वाले गायों को गौशाला छोड़ने गए थे. वापस 4 बजे थाने पहुंचे उसी वक्त का यह वीडियो है. चश्मदीदों का कहना है कि मौका ए वारदात पर अकबर जिंदा था. पुलिस उसे जिंदा हालत में थाने ले गई थी.
28 साल के रकबर की जिस वक्त पिटाई की गई उस वक्त वो दुधारू गाय को लेकर अपने गांव जा रहा था. रकबर हरियाणा के नूह जिले के फ़िरोज़पुर तहसील के कोल गांव का रहने वाला था. रकबर की मौत के बाद उनका परिवार गहरे सदमे में है. रकबर के पिता का कहना है कि उनका बेटा गाय खरीदने बेचने का काम नहीं करता था. इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि अलवर कांड पर पुलिस की लापरवाही की जांच कराएंगे और अगर ये सही पाया गया तो दोषी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
लिंचिंग: संसद में प्रधानमंत्री ने कड़ी कार्रवाई की बात कही थी
आपको बता दें कि अलवर लिंचिंग की घटना ऐसे समय हुई है जब इस मुद्दे पर बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जमकर फटकार लगाई थी और कहा कि भीड़तंत्र की इजाजत नहीं दी जा सकती. दूसरी तरफ बीते शुक्रवार को लोकसभा में पीएम मोदी ने ऐसी घटनाओं पर दुख जताया था. पीएम मोदी ने कहा था, "हाल के समय में हिंसा की घटनाएं हुई हैं. ये घटनाएं दुखद हैं और मानवता के मूल सिद्धांत के विरूद्ध हैं. राज्य सरकारें कदम उठा रही हैं. मैं राज्य सरकारों से एक बार फिर कहना चाहता हूं कि इस तरह के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाए.’’
गौरतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विपक्ष के कई वक्ताओं ने देश में भीड़ द्वारा हत्या का मुद्दा उठाया था.
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