नई दिल्लीः राजस्थान के अलवर में हुई रकबर उर्फ अकबर की मॉब लिंचिंग के मामले में अब पुलिस ने भी अपनी गलती मानी है. स्पेशल डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि अगर सही समय पर पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई होती तो ये घटना नहीं होती. डीजीपी एन आर के रेड्डी ने कहा कि मौका ए वारदात को देखने पर पाया गया कि रकबर को पहले पुलिस स्टेशन लाया गया. वहीं मामले की जांच कर रहे जांच अफ़सर को निलम्बित कर दिया गया है और तीन पुलिस्कर्मियों को लाइन हाजिर किया गया.
जांच अफ़सर को किया गया निलम्बित
पुलिस की स्पेशल टीम ने अलवर में घटनास्थल को जांच की. प्राथमिक तौर पर जांच के लिए चार अफ़सरों को तैनात किया गया है. स्पेशल डीजीपी एन आर के रेड्डी ने कहा कि मौका ए वारदात को देखने पर पाया गया कि अगर समय पर पुलिस ने रकबर को अस्पताल पहुंचा दिया होता तो उसकी मौत नहीं होती. 12.41 to 3.47 के बीच टाइम लेप्स हुआ था यानी अकबर को पुलिस थाने और अस्पताल ले जाने के बीच काफी समय जाया किया गया.
पुलिस ने समय पर रकबर को नहीं पहुंचाया अस्पताल
राजस्थान के अलवर में गो तस्कर होने के शक में गोरक्षकों ने रकबर उर्फ अकबर नाम के शख्स की जान ले ली थी. दरअसल चश्मदीदों का कहना था कि मौका ए वारदात पर अकबर जिंदा था. पुलिस उसे जिंदा हालत में थाने ले गई थी. पुलिस पर आरोप है कि उसने घायल रकबर को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया. जब पुलिस मौके पर पहुंची तब उसे रकबर से ज्यादा चिंता गाय की थी. पुलिस वाले जब उसे अस्पताल की बजाय थाने लेकर जा रहे थे तब भी रास्ते में रूक कर चाय पीने लगे.
सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि पुलिस गायों को लेकर गई लेकिन जख्मी रकबर को अस्पताल तक नहीं पहुंचाया. 28 साल के रकबर की जिस वक्त पिटाई की गई उस वक्त वो दुधारू गाय को लेकर अपने गांव जा रहा था. रकबर हरियाणा के नूह जिले के फ़िरोज़पुर तहसील के कोल गांव का रहने वाला था.
राहुल गांधी ने साधा पीएम मोदी पर निशाना
आज अलवर लिंचिंग पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने मोदी पर निशाना साधा. राहुल ने ट्वीट में लिखा कि जब मौका-ए-वारदात से अस्पताल सिर्फ 6 किमी. की दूरी पर ही था तो पुलिस को रकबर को वहां ले जाने में 3 घंटे क्यों लगे. वहीं राहुल गांधी के द्वारा इसे ‘मोदी का क्रूर न्यू इंडिया’ बताने पर बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष पर बड़ा हमला किया. रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने जहां इसे लेकर राहुल गांधी को नफरत का सौदागर बताया है वहीं स्मृति ईरानी ने इसे गिद्ध राजनीति करार दिया है.
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