नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा बजट सत्र के दौरान दिल्ली दंगों के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ. ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान ने दंगों के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया. जिस पर आपत्ति जताते हुए बीजेपी के विधायक हंगामा करने लगे और एक विधायक वेल तक पहुंच गए. हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा.
दरअसल, आम आदमी पार्टी (AAP) के ओखला के विधायक अमानतुल्लाह खान दिल्ली विधानसभा की वेलफेयर ऑफ माइनॉरिटी कमेटी की पहली रिपोर्ट सदन में रख रहे थे. अमानतुल्लाह खान ने कहा कि दिल्ली दंगे में दिल्ली सरकार ने प्रॉपर्टी के नुकसान और घायलों के लिए मुआवजा देने का ऐलान किया था, कुछ लोगों को वो नहीं मिल पाया था. इस बात को हमने समिति के सामने रखा था. हमने इसके लिए कोशिश की. दंगों में 54 लोग मारे गए थे, 11 हिन्दू, 43 मुस्लिम थे. दिल्ली सरकार ने प्रति व्यक्ति 10 लाख रुपये दिए. 244 घायलों को मुआवजा दिया गया. इसके अलावा 724 प्रॉपर्टी और 1190 कमर्शियल प्रॉपर्टी को मुआवजा दिया गया. अभी तक 27 करोड़ 19 लाख रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है. दंगे में जिन प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचा, उनमें 47 कॉमर्शियल प्रॉपर्टी हैं और 66 रेसिडेंशियल हैं जिनको अब तक मुआवजा नहीं मिला है.
बीजेपी नेताओं का लिया नाम
अमानतुल्लाह खान ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक 48 हजार फसाद हुए हैं लेकिन दिल्ली सरकार पहली ऐसी सरकार है जिसने एक-एक आदमी को खोजकर मुआवजा देने का काम किया. ज्यादातर दंगे कांग्रेस शासन में हुए हैं. 1992 के अयोध्या मामले को लेकर देशभर में फसाद हुआ और 2002 में गुजरात में बीजेपी के शासन में फसाद हुआ. किसी को एक पैसा नहीं मिला. 2020 में दिल्ली में जो फसाद हुआ, वो भी बीजेपी के कारण हुआ. अमानतुल्लाह ने दिल्ली में दंगा भड़काने में बीजेपी नेता रागिनी तिवारी, कपिल मिश्रा का नाम सदन में लिया. अमानतुल्लाह की इस बात पर आपत्ति जताते हुए बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया और गांधीनगर से विधायक अनिल बाजपेयी वेल में आ गए. इस पर आपत्ति जताते हुए विधानसभा स्पीकर ने अनिल बाजपेयी को मार्शल आउट करने का निर्देश दिया. हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.
वहीं सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष रामबीर सिंह बिधूड़ी ने अमानतुल्लाह खान की बात को आपत्तिजनक बताया और स्पीकर से उस बयान को कार्यवाही से बाहर निकालने की मांग की. स्पीकर ने अनिल वाजपेयी को फिर से सदन में बुलाने का निर्देश देते हुए कहा कि उन्हें सदन में मर्यादित होकर रहना चाहिए. अमानतुल्लाह के लिए कहा कि सदन में मर्यादित होकर बात रखें, भावनाएं अपनी जगह हैं लेकिन रिपोर्ट अपनी जगह है. हालांकि इसके बावजूद हंगामा जारी रहा. कपिल मिश्रा और रागिनी तिवारी के नाम का जिक्र दोबारा करते हुए अमानतुल्लाह ने फिर कहा, 'किसके इशारे पर दिल्ली पुलिस ने ये काम किया, क्या बीजेपी इसमे शामिल नहीं है? क्या बीजेपी के गृहमंत्री इसमें शामिल नहीं हैं?' हंगामे के बीच ही स्पीकर ने अमानतुल्लाह के वक्तव्य को खत्म कराया.
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