Amar Jawan Jyoti Controversy: राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति का विलय राष्ट्रीय समर स्मारक के साथ करने के नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के कदम की पश्चिम बंगाल में गैर-भाजपा दलों ने शुक्रवार को आलोचना की.
तृणमूल कांग्रेस समेत गैर भाजपा दलों के नेताओं ने कहा कि यह 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के अनादर के समान है जिसने बांग्लादेश को आजाद कराने में मदद की. तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने फैसले की आलोचना करते हुए संवाददाताओं से कहा कि यह फैसला भारत के इतिहास, 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में देश के सैनिकों की शहादत का अपमान है.
घोष ने दावा किया, ''जिन लोगों का भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में कोई योगदान नहीं है, जिन्हें हमारे स्वतंत्रता संग्राम और सैनिकों की वीरता के लिए कोई सम्मान नहीं है, वे अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट में अपने मूल स्थान से स्थानांतरित कर सकते हैं, गणतंत्र दिवस परेड से राज्य से नेताजी की झांकी को हटा सकते हैं.''
पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने भी इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि मोदी नेतृत्व वाली सरकार अरबों भारतीयों की भावनाओं पर विचार किए बिना मनमाने तरीके से निर्णय ले रही है.
माकपा प्रदेश सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा, ''मोदी सरकार आरएसएस की विचारधारा द्वारा निर्देशित है, जिसकी भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कोई भूमिका नहीं थी. हम बार-बार कह रहे थे कि भाजपा ने भारत के इतिहास का मजाक बनाया है. गणतंत्र दिवस से पहले उनका यह कृत्य इस तथ्य की ओर इशारा करता है.''
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने हालांकि निर्णय का समर्थन करते हुए कहा, ''युद्ध स्मारक हमारे सैनिकों के प्रति सम्मान दिखाने के लिए सही जगह है. यह पहले की जगह के बहुत करीब है और विपक्षी दल मोदी सरकार की हमारे नायकों का सम्मान करने के लिए की गई पहल का राजनीतिकरण कर रहे हैं.'' घोष ने कहा, ''यह भाजपा सरकार है जो सत्ता में आने के बाद भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गौरवशाली इतिहास को लोगों के सामने पेश कर रही है.