Watch: जवानों का मार्च, शहीदों को नमन...National War Memorial की मशाल में हुआ Amar Jawan Jyoti का विलय
Amar Jawan Jyoti: अमर जवान ज्योति की मशाल का नेशनल वॉर मेमोरियल की मशाल में विलय करा दिया गया. पूरे सैन्य रिवाजों से इस कार्यक्रम को पूरा किया गया.
National War Memorial Amar Jawan Jyoti: इंडिया गेट पर जलने वाली अमर जवान ज्योति अब से नहीं जलेगी. शुक्रवार को अमर जवान ज्योति की मशाल का नेशनल वॉर मेमोरियल की मशाल में विलय करा दिया गया. पूरे सैन्य रिवाजों से इस कार्यक्रम को पूरा किया गया. सेना के अधिकारियों और जवानों ने पहले अमर जवान ज्योति पर जवानों को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद मशाल को नेशनल वॉर मेमोरियल की ओर ले जाया गया.
अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी जोकि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे. इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था.
#WATCH | Delhi: Merging of Amar Jawan Jyoti flame at India Gate with the flame at the National War Memorial is underway. pic.twitter.com/j7wMxpNWJS
— ANI (@ANI) January 21, 2022
सेना के अधिकारियों ने बताया कि अमर जवान ज्योति का शुक्रवार दोपहर को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा जोकि इंडिया गेट के दूसरी तरफ केवल 400 मीटर की दूरी पर स्थित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था, जहां 25,942 सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं.
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कांग्रेस ने बोला हमला
कांग्रेस ने अमर जवान ज्योति की लौ का राष्ट्रीय समर स्मारक पर जल रही लौ के साथ विलय किए जाने के विषय को लेकर आरोप लगाया कि यह कदम सैनिकों के बलिदान के इतिहास को मिटाने की तरह है.
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…, हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!'
वहीं बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट में कहा, 'अमर जवान ज्योति के संदर्भ में कई तरह की गलत सूचनाएं प्रसारित की जा रही हैं. सही बात यह है कि अमर जवान ज्योति की लौ को बुझाया नहीं जा रहा है. इसे राष्ट्रीय समर स्मारक की लौ के साथ मिलाया जा रहा है.'
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सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह देखकर विचित्र लगता है कि अमर जवान ज्योति की लौ 1971 व दूसरे युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए है, लेकिन इनमें से किसी का नाम वहां मौजूद नहीं है.
सरकारी सूत्रों ने यह भी कहा कि इंडिया गेट पर कुछ उन शहीदों के नाम अंकित हैं जो प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो अफगान युद्ध में ब्रिटिश शासन के लिए लड़े और ऐसे में ये हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक है.