अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में मिलाने का फैसला कितना सही? सेना के दिग्गजों ने दी अपनी राय
Amar Jawan Jyoti Controversy: अमर जवान ज्योति के रूप में जानी जाने वाली शाश्वत ज्वाला 1972 में इंडिया गेट आर्च के नीचे 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में बनाई गई थी.
Amar Jawan Jyoti Row: इंडिया गेट पर बने अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) को आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) की मशाल के साथ मिला दिया जाएगा. यानी अब नेशनल वॉर मेमोरियल में ही ज्वाला जलेगी. कांग्रेस पार्टी ने सरकार के इस फैसले को शहीद जवानों का अपमान बताया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह 'इतिहास को बुझाने जैसा है और अपराध से कम नहीं है.’ लेकिन सेना के दिग्गजों ने सरकार के इस फैसले पर खुशी जताई है. उनका कहना है कि देश में एक ही नेशनल वॉर मेमोरियल होता है और एक ही जगह पर जवानों को अच्छी तरह से सम्मान मिलना चाहिए. उन्होंने इंडिया गेट को अंग्रेजों का बनाया गया स्मारक बताया है.
‘हम अंग्रेजों के बनाए हुए पुराने स्मारक का इस्मेताल क्यों करें’
1971 युद्ध के दिग्गज और पूर्व थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जेबीएस यादव (सेवानिवृत्त) ने कहा, पहले हमारे पास वॉर मेमोरियल नहीं था. अब हमारे पास वॉर मेमोरियल है. इसलिए अब उचित होगा कि वॉर मेमोरियल के अदंर ही अमर जवान ज्योति को मिला दिया जाए. हमारा एक ही नेशनल वॉर मेमोरियल होना चाहिए. मैं इसे सही समझता हूं. इसके अंदर 1947 से लेकर आज तक जितने भी हमारे जवान मारे गए हैं उनके लिए यह उचित सम्मान होगा.
उन्होंने आगे कहा, हमारे देश में ये रिवाज/प्रथा बन गई है कि कोई भी सरकार सही काम करने की कोशिश करती है, उसे पॉलिटिकल एंगल दिया जाता है. मैं समझता हूं ये अनुचित है, इसमें पॉलिटिक्स नहीं होना चाहिए. देश में एक ही नेशनल वॉर मेमोरियल होता है और एक ही जगह पर जवानों को अच्छी तरह से सम्मान मिलना चाहिए. अगर हम दो वॉर मेमोरियल बनाएंगे, तो ये पता ही नहीं चलेगा कि किस जवान को कहां पर सम्मान देना चाहिए. हम अंग्रेजों के बनाए हुए पुराने स्मारक का इस्मेताल क्यों करें.
#WATCH| "There should be no politics on the merger of Amar Jawan Jyoti & National War Memorial. It has become a trend to give a political angle to every initiative done by the Centre: 1971 war veteran and former Army Dy Chief Lt Gen JBS Yadava (Retd) pic.twitter.com/G2hlorvVfB
— ANI (@ANI) January 21, 2022
सेना के अन्य दिग्गजों ने भी जताई खुशी
ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत (सेवानिवृत्त) ने कहा, ‘इंडिया गेट, अंग्रेजों का बनाया गया युद्ध स्मारक है. नेशनल वॉर मेमोरियल 1947 से आज तक देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की याद में बनाया गया है. अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय होना चाहिए.’
भारतीय सेना के पूर्व डीजीएमओ और लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया (सेवानिवृत्त) ने कहा, ‘आज एक महान अवसर है, इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के साथ विलय कर दिया जाएगा. यह एक अच्छा फैसला है. अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में मिलाने का समय आ गया है.’
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