पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कोरोना जैसी महामारी और अन्य गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए अत्याधुनकि रिसर्च सुविधा का प्रस्ताव रखा है. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक अमरिंदर सिंह ने कहा है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हेल्थ विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में एक ऐसा रिसर्च सुविधा केंद्र बने जो कोरोना जैसी महामारी से निपटने में कारगर साबित हो सके. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से हम कोरोना जैसी स्थिति आने से पहले उसपर काबू पा सकेंगे. हेल्थकेयर एक्सपर्ट के साथ वर्चुअल बैठक में अमरिंदर सिंह ने संकट की इस घड़ी में कोविड महामारी का सामना कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को सरकार की ओर से हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया. उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में राज्य सरकार रक्षा की दूसरी लाइन में तत्परता के साथ सदैव खड़ी रहेगी.
अपने मन से दवाई न लें
इस बैठक में कैप्टन अमरिंदर सिंह आम लोगों को कई जरूरी सलाह दी. उन्होंने लोगों से कहा कि कोरोना होने के बाद अपने मन से दवाई न लें. जैसे ही कोरोना के लक्षण दिखे जितनी जल्दी हो सके नजदीक के डॉक्टर से संपर्क करें. अमरिंदर सिंह ने भरोसा जताया कि पंजाब जल्द ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई को जीत लेगा. उन्होंने कहा कि पंजाब महामारी की संभावित तीसरी लहर को हराने के लिए पूरी तरह कमर कस चुका है. उन्होंने कहा कि पंजाब में कोरोना के मामले दिन-प्रतिदिन कम हो रहे हैं लेकिन पंजाब में अब भी कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी. पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ इस वर्चुअल बैठक में पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के करीब 250 डॉक्टरों ने हिस्सा लिया था. चार विदेशी डॉक्टरों ने भी इस बैठक में राज्य सरकार को अपनी सलाह दी.
पंजाब में रोजाना अब भी एक हजार से ज्यादा मामले
पंजाब में कोरोना के मामले में लगातार कमी हो रही है लेकिन अब भी रोजाना एक हजार से कम मामले नहीं आ रहे हैं. सरकार की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक पंजाब में मंगलवार तक 5.82 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. इनमें 15,219 लोगों की मौत हो चुकी है. मंगलवार को राज्य में कोरोना के 1273 नए मामले आए हैं जबकि 60 से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत भी हुई है.
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