Amarnath हादसे के चश्मदीद ने बताया कैसे लोगों पर कहर बनकर टूटा सैलाब, मौके पर कैसे थे हालात
Amarnath Yatra: अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 65 लोग अस्पताल में भर्ती हैं. 41 लोग लापता बताये जा रहे हैं.
Amarnath Cloudburst: देश की सबसे चर्चित धार्मिक यात्राओं में से एक अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) के दौरान हाल ही में अमरनाथ गुफा (Amarnath Cave) के पास बादल फट गया. इस हादसे में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 65 लोग अस्पताल में भर्ती किए गए हैं. 41 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं जिनकी तलाश में जम्मू कश्मीर पुलिस (Jammu Kashmir Police), राष्ट्रीय आपदा राहत बल (National Disaster Relief Force), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सैन्यबल तलाश और बचाव अभियान चला रही है.
अमरनाथ गुफा के पास तबाही के वक्त महाराष्ट्र के नांदेड़ के रहने वाले योगेश लाटकर वहीं मौजूद थे. उन्होंने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया कि हादसे के दौरान काफी भयावह और खौफनाक मंजर था जिसे वह जिंदगीभर नहीं भुला सकते हैं.
शाम पांच बजे आया पानी का सैलाब
योगेश लाटकर ने बताया, 8 जुलाई की शाम करीब चार बजे वह गुफा के पास पहुंच रहे थे, इस दौरान मध्यम बारिश हो रही थी. ठीक पांच बजे गुफा के पास से ही पानी का सैलाब उमड़ पड़ा जो अपने रास्ते में आने वाले हर किसी को बहा ले गया. गुफा के ठीक नीचे लंगड़ वाली जगह पर पानी तेजी से पहुंचा और वहां बैठ खाना खा रहे लोगों को बहा ले गया.
सुरक्षाबलों की चेतावनी से कम हुआ नुकसान
योगेश के अनुसार शाम चार बजे से ही जम्मू कश्मीर पुलिस समेत सुरक्षा में तैनात सैन्यबलों ने भारी बारिश की आशंका जताते हुए चेतावनी जारी करते हुए पहाड़ में ऊपर की ओर जाने के निर्देश दे दिए थे. सुरक्षाबलों की मदद और चेतावनी के कारण लोग पहाड़ों में ऊपर की ओर चले गए जिसके कारण नुकसान कम हुआ.
योगेश लाटकर का कहना है कि अमरनाथ गुफा के आस-पास के इलाके में काफी कम बारिश हुई, लेकिन पहाड़ों में ऊपर की ओर जबरदस्त बारिश होने की वजह एकाएक पानी सैलाब बनकर आ गया और कई जिंदगियों को अपने साथ ले गया.
लंगर में खाना खा रहे लोग हुए प्रभावित
योगेश ने कहा, अमरनाथ गुफा के पास आया अचानक आए सैलाब का मंजर बिल्कुल वैसा ही था, जैसे हजारों क्युबिक टन पानी से भरे एक बांध के दरवाजे खोले जाएं और पानी अपनी पूरी स्पीड से नीचे की ओर बहकर आए. कई लोग ऐसे होते हैं जो बिना खाना खाए दर्शन करते हैं और फिर खाना खाते हैं, ऐसे में लंगर में खाना खाने वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए.
योगेश के अनुसार सुरक्षाबलों ने अमरनाथ गुफा के पास हादसे के तुरंत बाद ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया था. वहीं ज्यादा पानी और ग्लेशियर के साथ ही अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही थी. साथ ही ऊंचाई पर होने के कारण ऑक्सीजन की कमी भी काम करने की तेजी पर काफी असर डाल रही थी.
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