नई दिल्लीः नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द कश्मीर छोड़ने का सुरक्षा परामर्श जारी किये जाने पर शुक्रवार को कड़ी प्रतिक्रिया जतायी.


नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘ऐसा जान पड़ता है कि यह अप्रत्याशित आदेश अमरनाथ जी यात्रियों और/या पर्यटकों पर बड़े आतंकवादी हमले के वास्तविक भय को दर्शाता है . घाटी में डर का जो माहौल है, उसमें इससे कोई कमी नहीं आने वाली है.’उनकी यह टिप्पणी तब आयी है जब जम्मू कश्मीर प्रशासन ने तीर्थाटन और पर्यटन पर आतंकवादी हमले की खुफिया जानकारी के मद्देनजर अमरनाथ श्रद्धालुओं और पर्यटकों को घाटी से जल्द से जल्द लौट जाने की सलाह दी है.


उमर ने ट्वीट किया,‘क्या सही में? आप लोग क्या सोचते हैं कि एक सरकारी आदेश से पर्यटक घाटी से उल्टे पांव नहीं लौटना शुरू कर देंगे? इस आदेश को देखने के बाद कौन पर्यटक यहां घूमेगा. हवाई अड्डा और राजमार्ग घाटी छोड़ने वाले लोगों से भर जाएंगे.’





पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि केंद्र ने राज्य में ‘सैन्य ताकत’ और ‘मनोवैज्ञानिक युद्ध’ जैसी तकनीकी आजमायी है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘पहले (जरूरी सामानों की) आपूर्ति का भंडार खड़ा करने के निजी आदेश आए और लोगों के मन में एक संदेश गया. अब इस तरह की खबरों से दहशत पैदा होगी. अब तक भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर के संबंध में सैन्य ताकत और मनोवैज्ञानिक युद्ध जैसी तकनीकी अपनायी है. कोई भी कारगर नहीं होगा.’





आईएएस अधिकारी से नेता बने शाह फैसल ने सवाल किया कि क्या प्रशासन कश्मीर के स्थानीय लोगों के लिए अलग से परामर्श जारी करने जा रहा है. उन्होंने सवाल किया, ‘जम्मू कश्मीर सरकार ने सुरक्षा खतरे के मद्देनजर पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों से तुरंत घाटी छोड़ने को कहा है. क्या सरकार स्थानीय लोगों के लिए भी ऐसा कोई परामर्श जारी करेगी? क्या कश्मीरियों को भी दूसरी जगहों पर चले जाना चाहिए या उनकी जिंदगी कोई मायने नहीं रखती.’