Amarnath Yatra 2022: पहलगाम (Pahalgam) के बाद आज बालटाल (Baltal) के रास्ते भी अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) शुरू हो सकती है. 8 जुलाई को पवित्र गुफा के पास बादल फटने (Cloudburst) के बाद बाढ़ (Flood) आई गई थी. हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 41 लोगों का अब भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है. रेस्क्यू टीम (Rescue Team) तीन दिनों से हादसे वाले इलाके को खंगाल रही है.
शुक्रवार (8 जुलाई) को आई तबाही के बाद यात्रा रोक दी गई थी. अब श्रद्धालुओं के लिए पहलगाम का रास्ता खोल दिया गया है. बाबा के भक्त पहलगाम और बालटाल के जरिए अमरनाथ गुफा तक पहुंचते हैं. फिलहाल एहतियातन बालटाल को बंद रखा गया है.
श्राइन बोर्ड करता है यात्रा का प्रबंधन
पवित्र अमरनाथ गुफा दक्षिण कश्मीर में 3880 मीटर की ऊंचाई पर है. अमरनाथ श्राइन बोर्ड (Amarnath Shrine Board) वार्षिक अमरनाथ यात्रा का प्रबंधन करता है. जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) इसके अध्यक्ष हैं.
राजभवन ने दिया स्पष्टीकरण
इस बीच जोखिम वाली जगह पर तीर्थयात्री शिविर लगाने के आरोपों पर राजभवन ने स्पष्टीकरण दिया है. पीटीआई के मुताबिक राजभवन के प्रवक्ता ने कहा कि पहले आईं आकस्मिक बाढ़ को योजना बनाते वक्त ध्यान में रखा गया था, लेकिन शुक्रवार का ‘‘सैलाब‘‘ अनुमान से ज्यादा था और पहले ऐसा कभी नहीं देखा गया था.
प्रवक्ता ने कहा कि नदीतल पर टेंट नहीं लगाए गए और असल में लोगों की सुरक्षा के लिए उन्हें इस साल तैयार किए गए तटबंध से भी दूर ले जाया गया.
नदी के शुष्क तल पर लंगर और टेंट लगाए जाने का आरोप
यह स्षष्टीकरण ऐसे समय आया है जब आरोप लग रहे हैं कि बोर्ड ने इस साल गुफा के बाहर नदी के शुष्क तल पर लंगर और टेंट (Tent) लगाते समय पिछले साल 28 जुलाई को हुई बादल फटने (Cloudburst) की घटना की अनदेखी की.
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