नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा पर हमले के दौरान बस के ड्राइवर सलीम ही नहीं बल्कि बस के कंडक्टर मुकेश पटेल ने भी अहम भूमिका निभाई थी. हमले के वक्त कंडक्टर मुकेश पटेल दरवाजे पर खड़े थे. हमला करने वाले कुल तीन आतंकी थे.


एक आतंकी ने दरवाजे से अंदर घुसने की कोशिश की लेकिन मुकेश ने आतंकी को धक्का दिया और दरवाजा तेज़ी से बंद कर दिया. इसके बाद सलीम बस लेकर तेजी से भागे. इस समय मुकेश वलसाड के अस्पताल मे भर्ती है.


एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए मुकेश ने कहा, "मैं अपनी कंडक्टर वाली सीट पर मौजूद था. हम लोग जम्मू से आ रहे थे. हम लोगों ने गाड़ी का पंचर ठीक कराया इसके बाद दस से पंद्रह किलोमीटर आगे जाने के बाद फायरिंग शुरू हो गई. पहले हमें लगा कि शायद कोई पटाखे फोड़ रहा है. अचानक एक गोली कांच और हर्ष भाई को लगी. एक आतंकी दरवाजे से घुसने की कोशिश कर रहा था लेकिन मैंने लात मार कर गिरा दिया. हर्ष भाई ने कहा कि कुछ भी हो जाए गाड़ी मत रोकना. हम लोग लगातार बढ़ते रहे और जब हमें मिलेट्री कैंप दिखा तब हमने गोली रोकी."



मुकेश ने बताया, ''घटना में जो कुछ भी हुआ वो बहुत गलत था लेकिन मिलेट्री ने हमें बहुत सहयोग किया. मैं आतंकवादियों से कहना चाहता हूं कि बुजुर्ग और गरीब यात्री को मारकर क्या मिलेगा. अगर क्षमता है तो सामने आओ. यह बात गलत है कि बस का रजिस्ट्रेशन नहीं था, बस का रजसिट्रेशन और हर एक यात्री की जानकारी भी थी.''


मुकेश ने कहा, "अभी भी मेरे शरीर में दर्द हो रहा है, पैर में फ्रेक्टर आया है. जांच रिपोर्ट में पता चला है कि सिर में कांच के छोटे छोटे टुकड़े भी घुसे हैं. अब आगे डॉक्टर सर्जरी करके इन्हें निकालेंगे.''