Amarnath Yatra Preparation: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 और 35ए हटने के बाद पहली बार अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) शुरू होने जा रही है. ये यात्रा 30 जून को शुरू होगी. वहीं जिस तरह से लगातार कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकी वारदातें हो रही हैं उसे देखते हुए इस बार यात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इस बार यात्रियों को 3 लेयर की सुरक्षा दी जाएगी.


अमरनाथ यात्रा शुरू होने से ठीक पहले एबीपी न्यूज़ की टीम उस रास्ते पर पहुंची जहां से ये यात्रा शुरू होती है. यहां की खूबसूरत वादियों और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों का नजारा देखते हुए श्रद्धालु बाबा बर्फानी (Baba Barfani) की गुफा तक पंहुचते हैं. साल 2019 में यात्रा शुरू हुई थी. लेकिन फिर यात्रा को अचानक रोक दिया गया. साल 2020 और 2021 में कोरोना के कारण भी यात्रा शुरू नहीं हुई. लेकिन अब इस साल 30 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है. सरकार की तरफ से इस बार यात्रा के लिए क्या खास इंतजाम किए गए हैं देखिए इस रिपोर्ट में.


करीब 8 लाख श्रद्धालु करेंगे बाबा बर्फानी के दर्शन


बाबा बर्फानी की यात्रा के लिए आने वाले लोगों के लिए 2 रास्ते हैं एक रास्ता जो पहलगाम की तरफ से जाता है और दूसरा सोनमर्ग से बालटाल होते हुए जाता है. बालटाल में एक बेस कैम्प है जहां तैयारी चल रही है. 11 अप्रैल से अमरनाथ जाने वाले यात्रियों का रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया था. उम्मीद की जा रही है कि इस बार करीब 8 लाख श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहुंचेंगे. 


सुरक्षा के लिए किया जाएगा ड्रोन का इस्तेमाल


बालटाल बेस कैम्प से बाबा बर्फानी की गुफा की दूरी करीब साढ़े 18 किलोमीटर है. यहां रास्ता काफी संकरा है और ऊंची खड़ी चढ़ाई भी है. इस साल अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगी. अमरनाथ यात्रा के दोनों रास्तों बालटाल और पहलगाम में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे. अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी जगह-जगह लगाए जाएंगे.


तीर्थयात्रियों को लेना होगा RFID टैग


इस बार खास तौर पर श्रद्धालुओं के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) भी जारी की जाएगी. इसके जरिए सभी श्रद्धालुओं की पहचान सुनिश्चित होगी. अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने साफ कहा है कि इस बार किसी भी तीर्थयात्री और यात्रा में शामिल अन्य सदस्यों को बिना रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID)टैग के अमरनाथ यात्रा के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी. अधिकारियों के मुताबिक आरएफआईडी टैग तीर्थयात्रियों को ट्रैक करने और ये बताने में मदद करेंगे कि वो शख्स कहां पर है. इसके जरिए यात्रा करने वाले हर एक शख्स पर नजर रखना आसान होगा. 


कैसी चल रही तैयारियां?


एबीपी न्यूज़ की टीम जब बालटाल बेस कैम्प पहुंची तो देखा कि यात्रा के लिए प्रशासन की तरफ से खम्बों पर लाइट लगाने का काम चल रहा था. इतना ही नहीं सेना भी यात्रा के लिए अपनी तैयारी करती नजर आई. अमरनाथ यात्रा शुरू होने से सबसे ज्यादा यहां पर काम करने वाले लोग खुश हैं. क्योंकि यात्रा काफी समय से बंद होने के कारण कोई खास रोजगार नहीं मिल रहा था.


आतंकियों की हर कोशिश को किया जाएगा नाकाम 


प्रशासन इस बार अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है. क्योंकि इस यात्रा पर आतंकी (Terrorist Attack) खतरा भी बना हुआ है. सूत्रों की मानें तो पहले 13 मई को कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandit) और सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की हत्या और फिर कश्मीरी अभिनेत्री अमरीन भट्ट की हत्या से साफ है कि आतंकवादी जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के माहौल को खराब करने के लिए टारेगट किलिंग (Target Killings) का सहारा ले रहे हैं. स्थानीय लोगों में दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक आतंकियों की हर कोशिश को नाकाम किया जाएगा. 


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