Amarnath Yatra: कश्मीर में भारी बारिश के चलते रोकी गई अमरनाथ यात्रा, किसी को भी गुफा की तरफ जाने की इजाजत नहीं
Amarnath Yatra: अधिकारियों ने बताया कि मौसम खराब होने के चलते किसी भी श्रद्धालु को आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि मौसम ठीक होते ही यात्रा फिर से शुरू कर दी जाएगी.
Amarnath Yatra: जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में लगातार बारिश के चलते भूस्खलन और जलभराव का खतरा पैदा हो गया है. इसके चलते अब अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई है. अधिकारियों की तरफ से ये जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि बालटाल और पहलगाम, दोनों ही मार्गों पर यात्रा स्थगित कर दी गई है. अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा पूरी तरह से स्थगित रहेगी. किसी को भी गुफा की तरफ जाने की इजाजत नहीं दी गई है.
शिविरों में रोके गए यात्री
अमरनाथ यात्रा को स्थगित किए जाने जाने को लेकर अधिकारियों ने कहा, ‘‘यात्रा स्थगित कर दी गई है और किसी श्रद्धालु को आज (शुक्रवार) सुबह गुफा की ओर जाने की अनुमति नहीं है.’’ उन्होंने बताया कि शुक्रवार सुबह भारी बारिश शुरू हो गई, जिसके कारण श्रद्धालुओं की यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई. अधिकारियों के मुताबिक, श्रद्धालुओं को बालटाल और नूनवान आधार शिविरों में रोक दिया गया है.
उन्होंने कहा कि मौसम ठीक होते ही यात्रा फिर से शुरू कर दी जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले तड़के करीब पौने चार बजे 7,000 से अधिक श्रद्धालुओं का नया जत्था जम्मू स्थित आधार शिविर से अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुआ था. श्रद्धालु यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 247 वाहनों में भगवती नगर आधार शिविर से घाटी की तरफ बढ़े थे.
कुल इतने लोग कर चुके हैं यात्रा
अधिकारियों के अनुसार, पहलगाम जा रहे 153 वाहनों के काफिले में 4,600 तीर्थयात्री सवार थे, जबकि 2,410 तीर्थयात्रियों को लेकर 94 वाहनों का एक और काफिला तड़के पौने चार बजे बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ. इस साल 30 जून को अमरनाथ यात्रा शुरू से लेकर अब तक कुल 43,833 तीर्थयात्री जम्मू आधार शिविर से घाटी के लिए रवाना हो चुके हैं. अधिकारियों के मुताबिक, तीर्थयात्रियों की संख्या 84,000 से अधिक हो गई है.
दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर की 62 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा अनंतनाग जिले के पहलगाम और गंदेरबल जिले के बालटाल स्थित दोनों मार्गों से शुरू हुई. यह यात्रा 31 अगस्त को समाप्त होने वाली है. पूरी यात्रा की निगरानी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) से की जा रही है. तीर्थयात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी विभाग आईसीसीसी से निगरानी करते हैं और अपने कर्मचारियों को सूचना भेजते हैं.
(इनपुट- भाषा)
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