Amaranaath Yatra: 29 जून से शुरु होने जा रही अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है. दरअसल, पिछले दिनों रियासी में एक यात्री बस पर हुए आतंकी हमले में 9 यात्रियों की मौत हो गई थी, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों की बदली रणनीति की तरफ इशारा करते हुए अमरनाथ यात्रा पर भी खतरे की घंटी बजा दी थी.


इसके चलते अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए है. सुरक्षा के मद्देनजर जम्मू से लेकर पहलगाम और बालटाल तक सभी रास्तों पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. इस दौरान पूरे इलाके पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी और ड्रोन की भी मदद ली जा रही है. इसके अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की क्विक रिएक्शन टीम को भी तैनात किया गया है. ये टीम किसी भी आतंकी हमले से निपटने के लिए सक्षम है. 


सुरक्षा बल ऐसे हालातों से निपटने के लिए कर रहे ड्रिल 


जम्मू कश्मीर पुलिस के अनुसार, पिछले 1 महीने से सभी सुरक्षा बल मिलकर ऐसे किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए ड्रिल कर रहे है. जहां बुधवार को यात्रा शुरू होने से केवल 48 घंटे पहले ऐसे ही एक मॉक ड्रिल में एबीपी न्यूज़ भी शामिल हुआ, जिसमें सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानो ने कैंप पर हमला करने वाले आतंकियों से निपटने की प्रैक्टिस की.


अब IG रैंक का अधिकारी संभालेगा बेस कैंप की सिक्योरिटी  


अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरा कितना ज्यादा है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी तक यात्रा के बेस कैंप की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसएसपी रैंक के अधिकारी की होती थी, मगर इस बार गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद अब इसकी जिम्मेदारी आईजी रैंक के अधिकारी करेंगे.


DIG सुरजीत कुमार को मिली पहलगाम कैंप की जिम्मेदारी


जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी एमएन तिवारी को पहलगाम स्थित नुनवन कैंप का सुरक्षा अधिकारी बनाया गया है. क्योंकि, इस कैंप पर सबसे ज्यादा खतरा है. यहां साल 1996 और 2002 में इस कैंप पर हुए आतंकी हमलों में 40 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई थी. फिलहाल, डीआईजी सुजीत कुमार को पहलगाम में कैंप की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है. साथ ही यात्रियों की सुरक्षा के लिए कैंप तक सुरक्षित टनल और ओवरहेड ब्रिज सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं.


खतरे के बावजूद श्रद्धालुओं का लगा तांता


आतंकी हमलों के खतरे के बावजूद भी श्रद्धालु पहलगाम पहुंचने शुरू हो गए हैं. बता दें कि, अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होनी है, लेकिन राजस्थान के श्रीगंगानगर से एक श्रद्धालु धर्मपाल पिछले 16 दिन की पैदल यात्रा करके पहलगाम पहुंच गया है. जहां धर्मपाल 10 जून को अपनी यात्रा शुरू करके रोज़ाना 45-50 किलोमीटर चलते रहे है और अब अगले एक महीने तक भगवान के भक्तों की सेवा में लगे रहेगे.  


अब तक 1990 से 2017 तक अमरनाथ यात्रा पर हुए 36 आतंकी हमले


साल 1990 से 2017 तक अमरनाथ यात्रा पर 36 आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें अबतक 53 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि, 167 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं. मगर, इस बार गृह मंत्रालय ऐसे किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयारियों में जुटा हुआ है.


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