अमरनाथ आतंकी हमला: SIT का खुलासा, 'बस के लिए लश्कर ने तय किए थे 2 कोडवर्ड'
लश्कर-ए-तैयबा के इस आतंकी हमले में 8 तीर्थयात्री शहीद हो गए थे. 25 दिन बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा किया है.

अनंतनाग: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अमरनाथ यात्री बस पर हुए आतंकी हमले की साजिश का परतें खोलने का दावा किया है. पिछले महीने गुजरात के तीर्थयात्रियों की बस पर ये आतंकी हमला हुआ था. 8 तीर्थयात्री इस हमले में मारे गए थे और 20 घायल हुए थे. जम्मू-कश्मीर सरकार ने इस आतंकी हमले की एसआईटी जांच के आदेश दिये थे.
हमले के 25 दिन बाद बड़ा खुलासा
10 जुलाई के जम्मूकश्मीर में अनंतनाग के पास हाइवे से लगे बटेंगू इलाके में रात के अंधेरे में अमरनाथ यात्रियों की बस पर आतंकी हमला हुआ था. लश्कर-ए-तैयबा के इस आतंकी हमले में 8 तीर्थयात्री शहीद हो गए थे. 25 दिन बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा किया है.
जम्मू-कश्मीर के आईजी मुनीर खान ने ये दावा किया है कि एक दुकानदार, एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव और सरकारी बस के एक ड्राइवर ने लश्कर के चार आतंकियों की मदद से इस आतंकी हमले को अंजाम दिया था.
हमले में तीन पाकिस्तानी और चौथा स्थानीय आतंकी था
तीनों आरोपियों में से बिलाल रेसी बिजबेहेरा के इकबाल इलाके में दुकान चलाता है, एजाज अहमद कुपवाड़ा मेडिकल रेप्रेजेंटेटिव है और तीसरा आरोपी जहूर अहमद कुलगाम में सरकारी बस का ड्राइवर रहा है.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी मुनीर खान ने बताया, ‘’जांच में खुलासा हुआ कि इन तीनों आरोपियों ने लश्कर-ए-तैयबा के चार आतंकियों इस्माल उर्फ हारून, माबिया, फुरकान और यावर बशीर उर्फ अयान के साथ मिलकर आतंकी हमले को अंजान दिया. इनमें से तीन पाकिस्तानी थे और चौथा स्थानीय आतंकी था.’’
लश्कर-ए-तैयबा की आतंकी साजिश
एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ है कि इस आतंकी हमले का मास्टरमाइंड लश्कर का आतंकी अबू इस्माइल है, जो पाकिस्तान का है. अबू समेत चारों आतंकियों को पुलिस सरगरमी से तलाश रही है. वहीं उनके मददगार बने तीनों स्थानीय आरोपियों ने एसआईटी जांच में पूरी साजिश उगल दी है.
मुनीर खान ने बताया, ‘’इन तीनों आरोपियों ने उन्हें लॉजिस्टिक्स सपोर्ट मुहैया कराया. चारों आतंकियों को ठहरने की जगह दी. दो गाड़ियां दी. एक सेंट्रो थी और एक मोटर साइकिल. इन गाड़ियों का इलाके की रेकी करने और फिर हमले के बाद भागने में इस्तेमाल हुआ. इन आरोपियों ने आतंकियों के लिए गाइड का काम भी किया.’’
आतंकी हमले का कोडवर्ड
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दावा किया कि अमरनाथ यात्रा को दहलाने के लिये आतंकी कोडवर्ड के जरिये अपने साजिश को अंजाम तक पहुंचाने में लगे थे. उन्होंने CRPF बस और यात्रियों की बस के लिये कोडवर्ड तय कर रखा था. CRPF बस के लिये कोडवर्ड ‘बिलाल’ रखा गया था, जबकि यात्री बस के लिये कोडवर्ड ‘ शौकत’ था.
9 जुलाई को होना था आतंकी हमला
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने SIT जांच के जरिये ये भी दावा किया कि अमरनाथ बस पर आतंकी हमले भले 10 जुलाई को हुआ, लेकिन आतंकी हमले के लिये उससे एक दिन पहले की तारीख तय की गई थी.
मुनीर खान ने बताया, ‘’आतंकी हमला शुरूआत में 9 जुलाई को करने का प्लान था. उस दिन वो बटेंगू के पास इंतजार करते रहे, लेकिन चूंकि उस दिन CRPF या अमरनाथ यात्रियों की कोई अकेली बस उस रास्ते से नहीं गुजर रही थी, तो उस दिन वो हमले को अंजाम दिए बिना वापस लौट गए थे.’’
लेकिन 10 जुलाई को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अपने नापाक इरादों में कामयाब हो गए. 56 तीर्थ यात्रियों को बालटाल से लेकर जम्मू लौट रही गुजरात की बस अनंतनाग के पास अपने काफिले से भटक गई और बटेंगू इलाके में आतंकियों का निशाना बन गई.
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