कोलकाता: नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने पश्चिम बंगाल में सालों शासन करने वाली वाम मोर्चे की सरकार पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस सरकार के दौरान राज्य में भूमि सुधार कार्यक्रम को अच्छी तरह से चलाया गया, लेकिन दूसरी ओर उद्योग बर्बाद हो गया. जाधवपुर विश्वविद्यालय में शुक्रवार को जन व्याख्यान में अर्थशास्त्री सेन ने कहा कि पश्चिम बंगाल समग्र बंगाली पहचान को बढ़ावा देने के लिहाज से बांग्लादेश से पिछड़ गया.


अमर्त्य सेन ने कहा, ‘‘बहुत अच्छी तरह से भूमि सुधार किया गया और निश्चित तौर पर इसका श्रेय वाम दलों को जाता है. लेकिन इसके उलट उद्योग बर्बाद हो गए.’’ अमर्त्य सेन ने कहा, ‘‘इस पर चर्चा करने की जरूरत है कि पश्चिम बंगाल संयुक्त बंगाली पहचान को आगे बढ़ाने के लिहाज से क्यों और कैसे पीछे रह गया. ’’


अपने छात्र जीवन में मार्क्सवादी सिद्धांत से प्रभावित रहे अर्थशास्त्री (85) ने कहा कि केरल, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों की तुलना में भी पश्चिम बंगाल शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने में पीछे है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.


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