अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक: जहां संविधान रचयिता ने ली थी आखिरी सांस
26 अलीपुर रोड जहां पर अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक का निर्माण किया गया है इसकी अपनी महत्ता भी है. बताया जाता है कि 1 नवंबर 1951 को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, सिरोही के महाराज के घर में रहने आ गए थे.
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नई दिल्ली: देश में आजकल दलितों के नाम पर जमकर राजनीति चल रही है. कमोबेश हर एक राजनीतिक संगठन में इसी बात की होड़ लगी हुई है कि आखिर भीमराव अंबेडकर किसके हैं? इसकी वजह है कि अंबेडकर को आज भी दलित समाज अपने सबसे बड़े नेता के तौर पर देखता है. देश के मौजूदा हालात में कई राजनीतिक दल अब यही दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वो अंबेडकर की विचारधारा से किस तरह से जुड़े हुए हैं. इसके पीछे की वजह दलित वोट बैंक है.
14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के तौर पर मनाया जाता रहा है. लेकिन इस बार अंबेडकर जयंती कुछ अलग जरूर दिख रही है. अलग-अलग राजनीतिक दलों ने अंबेडकर जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किए. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा के सामने बने 26 अलीपुर रोड पर डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक का उद्घाटन किया.
Honoured to inaugurate the Dr. Ambedkar National Memorial at 26, Alipur Road in Delhi. Sharing my speech on the occasion. https://t.co/SEi55s07DQ pic.twitter.com/qNXBWXDbAW
— Narendra Modi (@narendramodi) April 13, 2018
26 अलीपुर रोड जहां पर अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक का निर्माण किया गया है इसकी अपनी महत्ता भी है. बताया जाता है कि 1 नवंबर 1951 को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, सिरोही के महाराज के घर में रहने आ गए थे. वह घर 26 अलीपुर रोड पर ही बना हुआ था. यहां पर अंबेडकर 6 दिसंबर 1956 तक रहे थे. यहीं पर उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली थी. यह स्मारक भारत के संविधान निर्माता अंबेडकर के जीवन और उनके योगदान को दिखाती है.
- प्रधानमंत्री ने 21 मार्च, 2016 को इसकी आधारशिला रखी थी.
- क्योंकि इस इमारत को संविधान निर्माता बाबा साहब के स्मारक के रूप में निर्मित किया गया है. इसलिए इमारत को पुस्तक का आकार दिया गया है.
- इस इमारत में एक प्रदर्शनी स्थल, स्मारक, बुद्ध की प्रतिमा के साथ ध्यान केन्द्र और अम्बेडकर की 12 फुट की कांस्य प्रतिमा है.
- इमारत के प्रवेश द्वार पर अशोक 11 मीटर ऊंचा अशोक स्तंभ है. पीछे की तरफ ध्यान केन्द्र बनाया गया है.
- इमारत 7374 वर्ग मीटर क्षेत्र में खड़ी की गई है. इसका कुल निर्मित क्षेत्र 6758 वर्ग मीटर है.
भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महु में 14 अप्रैल 1891 को हुआ था. वह स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री थे. अंबेडकर की स्मृति में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2 दिसम्बर 2003 को महापरिनिर्वाण स्थल राष्ट्र को समर्पित किया था.
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