Ambedkar Row: अंबेडकर पर ‘लड़ाई’, BJP के चाणक्य पर ‘मुश्किल’ क्यों बन आई, ये रही इनसाइड स्टोरी
Amit Shah; संविधान पर बहस के दौरान अमित शाह ने राज्यसभा में अंबेडकर को लेकर एक टिप्पणी की थी, जिसे लेकर विपक्ष लगातार प्रदर्शन कर रहा है. कांग्रेस ने इस मामले में शाह से माफी और इस्तीफे की मांग की है.
Amit Shah Statement on Ambedkar: राष्ट्रीय राजनीति में आने के पूरे दस साल बाद ये पहला मौका है जब अमित शाह के खिलाफ विपक्ष ने इस तरह की घेराबंदी की है. ऐसा पहली बार हुआ है जब अमित शाह के किसी बयान को विपक्ष ने मुद्दा बनाकर उनके इस्तीफे की मांग की है. कांग्रेस अंबेडकर के अपमान को मुद्दा बनाकर गृह मंत्री अमित शाह से माफी और इस्तीफे की मांग कर रही है.
हालांकि, बीजेपी ने भी पूरी ताकत के साथ कांग्रेस पर हल्ला बोला है और इतिहास के पन्नों को खोलकर ये बताया है कि कैसे कांग्रेस सरकार के वक्त बाबासाहेब का तिरस्कार किया गया था... लेकिन मान और अपमान के इस पूरे सियासी युद्ध का अमित शाह फिलहाल चेहरा बन गए हैं. कई राजनीतिक जानकार कहते हैं कि पहली बार राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह किसी चक्रव्यूह में फंसते दिख रहे हैं. यही वजह है कि उन्हें इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सफाई देनी पड़ी.
संसद से लेकर सड़क तक हंगामा
अमित शाह की ओर से राज्यसभा में अंबेडकर पर की गई एक टिप्पणी से विपक्ष के हाथ एक ऐसा हथियार हाथ लगा, जिससे वह बीजेपी को बुरी तरह घेर सकती थी. विपक्ष ने भी इस मौके को दोनों हाथों से कैच किया और उसी दिन से इसे मुद्दा बनाते हुए अमित शाह से माफी मांगने की मांग की. अगले दिन देशभर में प्रदर्शन हुए. एक दिन बाद गुरुवार को यह सियासी लड़ाई संसद में भी देखने को मिली.
संसद में हुई धक्कामुक्की, 2 सांसद हुए घायल
गुरुवार को विपक्षी दल संसद में मार्च के बाद मकर द्वार पर प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान बीजेपी सांसदों और विपक्षी सांसदों के बीच धक्कामुक्की हुई. इसमें बीजेपी के दो सांसद ((प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत) गिरकर घायल हो गए. दोनों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इस मामले में बीजेपी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने दोनों को धक्का दिया. देर शाम इसमें बीजेपी ने राहुल के खिलाफ शिकायत दी और दिल्ली पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कर ली, लेकिन कांग्रेस अब भी इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर हमलावर है और उसने शुक्रवार को अमित शाह के बयान और राहुल के खिलाफ एफआईआर के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है.
अमित शाह के इस भाषण से शुरू हुआ ये हंगामा
राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान अमित शाह ने कहा था, “अभी एक फैशन हो गया है. अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर... इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.” वीडियो में आगे अमित शाह कह रहे हैं, “हमें तो आनंद है कि अंबेडकर का नाम लेते हैं. अंबेडकर का नाम अभी 100 बार ज्यादा लो परंतु साथ अपने अंबेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है, ये मैं बताता हूं. अंबेडकर जी ने देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया? अंबेडकर जी ने कई बार कहा कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों से हुए व्यवहार से मैं असंतुष्ट हूं. सरकार की विदेश नीति से मैं असहमत हूं और आर्टिकल 370 से मैं असहमत हूं इसलिए मैं मंत्रिमंडल छोड़ना चाहता हूं. उन्हें आश्वासन दिया गया. आश्वासन पूरा नहीं हुआ तो उन्होंने इग्नोरेंस के चलते इस्तीफा दे दिया.”
पीएम मोदी के दाहिने हाथ की तरह करते हैं काम
अमित शाह के गृह मंत्री रहते हुए मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से 370 को हटाया. अमित शाह मोदी के दाहिने हाथ की तरह काम करते हैं. अमित शाह सरकार का वो मजबूत स्तंभ हैं जो बीजेपी के किए हर वादे को पूरा करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देते हैं. अमित शाह सिर्फ सरकार को चलाने में अहम भूमिका नहीं निभाते बल्कि राज्य से लेकर लोकसभा चुनावों तक जीत की रणनीति बनाने से लेकर उसे अंजाम तक पहुंचाते हैं. उन्होंने बीजेपी का अध्यक्ष रहते हुए पार्टी को कई बड़ी जीत दिलाई है.
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