भारत में अमेरिका की मदद से तैयार होंगे ड्रोन, चीन को कड़ा संदेश
India-US: बता दें कि भारत अपने हथियारों की क्षमता को लगातार बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, साथ ही ये भी कोशिश की जा रही है कि अलग-अलग टेक्नोलॉजी वाले हथियार सेनाओं के पास हों.
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दुनियाभर के लिए चीन एक बड़ी चुनौती की तरह है, खासतौर पर अपने पड़ोसी मुल्कों पर चीन की धौंस आए दिन देखने को मिलती है. यही वजह है कि अमेरिका की चीन पर कड़ी नजर है और वो हर मौके पर ड्रैगन को पीछे धकेलने का काम करता है. अब अमेरिका ने भारत के साथ ड्रोन बनाने की बात कही है, जिसे चीन के नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है. पेंटागन के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से ये जानकारी सामने आई है.
डिफेंस इंडस्ट्री को मिलेगी ताकत
बता दें कि भारत अपने हथियारों की क्षमता को लगातार बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, साथ ही ये भी कोशिश की जा रही है कि अलग-अलग टेक्नोलॉजी वाले हथियार सेनाओं के पास हों. इसीलिए अमेरिका के साथ हो रही इस ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग डील को कई मायनों में अहम माना जा रहा है. क्योंकि भारत के पास अब तक ज्यादातर हथियार रूसी हैं, वहीं अब अमेरिका की मदद से डिफेंस ताकत को बढ़ाया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक भारत का अपनी डिफेंस इंडस्ट्री को बढ़ाने पर पूरा जोर है. भारत में अमेरिका की मदद से तैयार हुए ड्रोन्स को सहयोगी देशों को बेचा भी जाएगा. जिससे डिफेंस इंडस्ट्री को एक बड़ी ताकत मिलेगी. अमेरिका की तरफ से भी कहा गया है कि भारत में निर्मित इन हथियारों और एयरक्राफ्ट्स को भारत साउथ ईस्ट एशिया में हमारे सहयोगी मुल्कों को काफी सस्ते दाम में बेच सकेगा.
बाकी चीजों को लेकर भी चल रही बातचीत
अमेरिका के सहयोग से एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी पर भी काम होगा. इस बात के भी संकेत दिए गए हैं कि पेंटागन अन्य तरह की चीजों को भी दूसरे देशों के साथ मिलकर तैयार कर सकता है, हालांकि ये साफ नहीं किया गया कि वो कौन से हथियार या फिर टेक्नोलॉजी होगी. पेंटागन की तरफ से कहा गया कि भारत के साथ कई मोर्चों पर अच्छी बातचीत चल रही है.
बता दें कि अमेरिका और भारत के बीच पिछले कुछ सालों में रिश्ते काफी अच्छे हुए हैं. चीन पर दोनों ही देशों का रुख एक जैसा है. यही कारण है कि अमेरिका और भारत के बीच बढ़ रही नजदीकियों से चीन परेशान है. चीन की आक्रामकता को लेकर अमेरिका का रुख हमेशा से सख्त रहा है. इसका उदाहरण हाल ही में ताइवान में देखने को मिला था.
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