(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दो दिवसीय दौरे पर कल दिल्ली पहुंचेंगे अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन, इन मुद्दों पर होगी बात
भारत के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा सचिव की पहली विदेश यात्रा में भारत को शामिल करना, दोनों देशों के बीच मजबूत स्ट्रेटेजिक-पार्टनरशिप दर्शाती है. इस यात्रा से दोनों देशों के बीच रक्षा-व्यापार और उद्योग को मजबूत करने में मदद मिलेगी.
नई दिल्लीः एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच अमेरिका के रक्षा सचिव (मंत्री) लॉयड ऑस्टिन शुक्रवार को तीन दिनों के भारत दौरे पर पहुंच रहे हैं. बाइडन प्रशासन के किसी मंत्री का ये पहला भारत का दौरा है. इस दौरे के दौरान लॉयड ऑस्टिन भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए) से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग मजबूत करने पर विचार करेंगे.
जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी रक्षा सचिव (मंत्री) 19 मार्च यानि शुक्रवार की शाम को दिल्ली पहुंचेंगे (19-21 मार्च). शनिवार की सुबह, लॉयड ऑस्टिन सबसे पहले नेशनल वॉर मेमोरियल पर वीर सैनिकों को श्रृद्धांजलि अर्पित करेंगे. इसके बाद वे सीधे साऊथ ब्लॉक पहुंचेंगे, जहां उन्हें ट्राई-सर्विस (यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना) का साझा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. इसके बाद अमेरिकी रक्षा सचिव, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इस दौरान दोनों देशों के सैन्य और रक्षा प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे. मीटिंग के बाद दोनों देश साझा-बयान भी जारी करेंगे.
अमेरिका रक्षा विभाग के मुताबिक, इस दौरे के दौरान लॉयड ऑस्टिन अपने समकक्ष, राजनाथ सिंह के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े नेताओं (एनएसए इत्यादि) से भारत और अमेरिका के बीच डिफेंस-पार्टनरशिप को मजबूत करने के साथ-साथ ‘एक स्वतंत्र, समृद्ध और खुले इंडो-पैसेफिक क्षेत्र और पश्चिमी हिंद महासागर’ पर चर्चा करेंगे.
आपको बता दें कि भले ही पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी के पैंगोंग-त्सो झील के उत्तर (फिंगर एरिया) और दक्षिण (कैलाश हिल रेंज) में पहले चरण का डिसइंगेजमेंट जरूर हो गया हो, लेकिन अभी भी कई इलाके ऐसे हैं जहां दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है. अमेरिका लगातार चीन की आक्रमक और विस्तारवादी नीतियों का विरोध करता आया है. यहां तक की जरूरत के वक्त एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों के लिए अमेरिकी सेना ने अपने विंटर-क्लोथिंग और टेंट तक मुहैया कराए थे.
हालांकि, भारत के रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम लेने को लेकर अमेरिका जरूर नाराज है लेकिन बाइडन प्रशासन के रक्षा सचिव के पहले विदेश दौरे के दौरान भारत आना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
गौरतलब है कि अमेरिका के रक्षा सचिव (मंत्री) बनने से पहले लॉयड जेम्स ऑस्टिन अमेरिकी सेना के वाइस चीफ (फॉर स्टार जनरल) के पद पर रह चुके हैं और वे पहले अमेरिकी-अफ्रीकी मूल के रक्षा सचिव हैं. वे ईराक और दूसरे खाड़ी देशों में तैनात अमेरिका की सेंट्रल कमान के कमांडर के पद पर भी अपने सेवाएं दे चुके हैं.
लॉयड ऑस्टिन अपनी इंडो-पैसेफिक यात्रा के दौरान सबसे पहले 13 मार्च को हवाई-आईलैंड स्थित इंडो-पैसेफिक कमांड के मुख्यालय पहुंचें थे और वहां पर टॉप कमांडरों और सैनिकों से मुलाकात की थी. क्योंकि पेंटागन यानि अमेरिकी रक्षा विभाग, इंडो-पैसेफिक को एक ‘प्रायोरिटी थियेटर’ मानता है.
हवाई के बाद लॉयड ऑस्टिन जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा पर गए थे. दक्षिण कोरिया से लॉयड ऑस्टिन भारत पहुंच रहे हैं. भारत की यात्रा संपन्न करने के बाद रक्षा सचिव अमेरिका वापस लौट जाएंगे.
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