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अमेरिकी कंपनी ने भारतीय बाजार में रेमडेसिविर की बिक्री के लिए अनुमति मांगी
भारत की दो कंपनियों सिप्ला और हेटेरो लैब्स ने भी रेमडेसिविर की बिक्री के लिए CDSCO के पास आवेदन किया है. इस दवा की निर्माता गिलीज साइंस ने भारत की 3 कंपनियों के साथ लाइसेंस समझौता किया है.
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अमेरिकी दवा कंपनी गिलीड साइंसेज ने अपनी वायरल रोधी दवा रेमडेसिविर को भारतीय बाजार में बेचने की अनुमति के लिए भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को आवेदन दिया है. इस दवा को कोविड-19 के उपचार में अहम बताया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार दवा का पेटेंट रखने वाली इस कंपनी ने रेमडेसिविर के लिए क्लीनिकल-पूर्व और क्लीनिकल अध्ययन के बारे में डेटा पूरा कर लिया है.
विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर फैसला लेगा CDSCO
एक सूत्र ने कहा, ‘‘कंपनी ने वायरल रोधी दवा रेमडेसिविर को भारतीय बाजार में बेचने की अनुमति के लिए भारत के सीडीएससीओ को आवेदन दिया है. सीडीएससीओ विशेषज्ञ समिति की मदद से आवेदन का अध्ययन करेगा. वह विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर अंतिम निर्णय लेगा.’’
अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए इस दवा को आपातकाल में उपयोग के लिए स्वीकृति प्रदान की है. सूत्रों ने बताया कि जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय ने अमेरिका के क्लीनिकल डेटा के आधार पर सात मई को विशेष परिस्थितियों के तहत इस दवा को नियामक मंजूरी दी थी.
एक सूत्र ने कहा कि यूएसएफडीए या अन्य किसी प्रतिष्ठित नियामक की मंजूरियों के आधार पर भारतीय रेगुलेटर दवा को नए ड्रग और क्लीनिकल ट्रायल नियम, 2019 के प्रावधानों के अनुरूप विशेष परिस्थितियों में क्लीनिकल ट्रायल से छूट देने के साथ स्वीकृति प्रदान कर सकता है.
भारतीय कंपनियों ने भी किया है आवेदन
अमेरिकी कंपनी ने आवेदन ऐसे समय में किया है जब दो भारतीय कंपनियों- सिप्ला और हीटीरो लैब्स ने भारत में रेमडेसिविर के उत्पादन और बिक्री की अनुमति के लिए ड्रग रेगुलेटर के पास आवेदन किया है. एक अधिकारी ने बताया कि इन कंपनियों ने रेमडेसिविर के लिए क्लीनिकल ट्रायल से छूट की मांग की है ताकि रोगियों के लिए तेजी से दवा उपलब्ध कराई जा सके.
अधिकारी के अनुसार उनके आवेदन अभी विचाराधीन हैं. गिलीड साइंसेज इंक ने रेमडेसिविर के उत्पादन और वितरण के लिए तीन बड़ी घरेलू कंपनियों- सिप्ला, जुबिलैंट लाइफ साइंसेज और हीटीरो समेत कुछ अन्य कंपनियों के साथ लाइसेंसिंग समझौता किया है.
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गुंजन मिश्रापर्यावरणविद्
Opinion