नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति के कश्मीर मामले में मध्यस्थता को लेकर दिए बयान पर अब उनके ही मुल्क में किरकिरी शुरू हो गई है. अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमैन ने ट्रंप के बयान को बहुत ही शर्मिंदगी से बरा बयान बताया है. ब्रैड शेरमैन ने कहा है कि सब जानते हैं कि मोदी कभी इस तरह का सुझाव नहीं दे सकते है. बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इमरान खान की मौजूदगी में कहा था कि पीएम मोदी ने दो हफ्ते पहले उनसे कश्मीर मामले में मध्यस्थता करने को कहा. ट्रंप के इस बयान को बारत सरकार ने बेहद कड़ाई के साथ खारिज कर दिया.
अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमैन ने ट्वीट किया, ''कोई भी जो दक्षिण की विदेश नीति के बारे में जानता है उसे पता है कि भारत लगातार कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का विरोध करता रहा है. सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी कभी बी ऐसा प्रस्ताव नहीं देंगे. ट्रंप का बयान बचकाना, भ्रामक और शर्मनाक है. '' इतना ही नहीं ब्रैड शेरमैन ने ट्रंप के बयान के लिए अमेरिका में भारत के राजदूत से माफी भी मांगी. उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, ''मैं भारतीय राजदूत हर्ष श्रींग्ला से ट्रंप की बचकानी और शर्मनाक गलती के लिए माफी मांगता हूं."
अमेरिका के विदेश विभाग ने मानी गलती
कश्मीर पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के झूठ पर भारत की आपत्ति के बाद अमेरिका झुक गया है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है, इसे दोनों देश मिल बैठकर सुलझाएंगे. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ''कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का दिवपक्षीय मुद्दा है. भारत और पाकिस्तान को इसपर बातचीत करनी है. अमेरिका इस बात का स्वागत करता है कि भारत और पाकिस्तान आपस में मिलकर यह मुद्दा सुलझाएं. हालांकि अमेरिका मदद करने को तैयार है. हम ये मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर पल रहे आतंक के खिलाफ कारगर कार्रवाई करें.''
डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर को लेकर क्या दावा किया था?
कल ट्रंप ने दावा किया कि मोदी और उन्होंने पिछले महीने जापान के ओसाका में जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की थी, जहां मोदी ने उन्हें कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की पेशकश की थी. ट्रंप ने कहा, ''मैं दो सप्ताह पहले प्रधानमंत्री मोदी के साथ था और हमने इस विषय (कश्मीर) पर बात की थी और उन्होंने वास्तव में कहा, 'क्या आप मध्यस्थता या मध्यस्थ बनना चाहेंगे?' मैंने कहा, 'कहाँ?' (मोदी ने कहा) ''कश्मीर.''
उन्होंने कहा, ''क्योंकि यह कई वर्षों से चल रहा है. मुझे आश्चर्य है कि यह कितने लंबे समय से चल रहा है.'' डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ अपनी बैठक के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, ''यदि मैं मदद कर सकता हूं, तो मैं एक मध्यस्थ होना पसंद करूंगा. अगर मैं मदद करने के लिए कुछ भी कर सकता हूं, तो मुझे बताएं.''
भारत ने ट्रंप के दावे को किया खारिज
भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे को खारिज किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया. भारत का लगातार यही रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों पर केवल द्विपक्षीय चर्चा होगी. पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत के लिए सीमापार आतंकवाद पर रोक जरूरी होगी. भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों के समाधान के लिए शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र का अनुपालन आधार होगा.''