US India Relations: अमेरिकी थिंक टैंक सेंटर फॉर न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी (सीएनएएस) ने अपनी एनालिसिस रिपोर्ट में आने वाले सालों में  अमेरिका सरकार से भारत को सहयोग किए जाने की वकालत की. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा, अगर यूएस को चीन से निपटना है तो उसे भारत की राजनयिक, और रक्षा मामलों में खुलकर मदद करने के नए तरीके ढूंढ़ने चाहिए. 


अपनी हालिया रिपोर्ट में पूर्व व्हाइट हाउस अधिकारी लिसा कर्टिस और राजनीतिक विश्लेषक डेरेक ग्रॉसमैन ने अमेरिकी पॉलिसी मेकर्स को इस जगह पर बारीकी से निगरानी करने और भविष्य में भारत-चीन सीमा पर संधर्ष के लिए तैयार रहने की जरूरतों पर बल दिया.


'किसी मदद का ढिंढोरा पीटने से बचें'
कर्टिस और ग्रॉसमैन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, अमेरिका को कूटनीतिक और सैन्य रूप से भारत को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जानी चाहिए, और ऐसी मदद का ढिंढ़ोरा पीटने से बचना चाहिए. रिपोर्ट में यह भी लिखा है, साथ ही ऐसा कोई विवाद होमे पर उसे मध्यस्थता की मांग किए बिना भारत की स्थिति को और मजबूत करने के लिए कई क्रिएटिव कदम उठाने चाहिए.


लिसा कर्टिस ने अमेरिकी सरकार के लिए 20 से अधिक सालों तक भारत-चीन के संबंध में कई भूमिकाओं में काम किया है. उन्होंने सुझाव दिया कि अमेरिकी सरकार को भारत और चीन के बीच होने वाले क्षेत्रीय विवादों को बाकी अमेरिकी सहयोगियों और हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के खिलाफ अपने शेष भागीदारों के साथ आगे बढ़ना चाहिए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह सभी राष्ट्रीय सुरक्षा-संबंधी दस्तावेजों और भाषणों में दिखाई दे.


इस रिपोर्ट में लिसा ने अमेरिकी सरकार को सुझाव दिया, वह आने वाले समय में भारत को उसकी सीमा की रक्षा के लिए बेहतरीन सैन्य साजो सामान उलब्ध कराए जिससे किसी विशेष स्थिति में भारत उनके खिलाफ कई अहम फैसले ले सके. 


West Bengal Violence: 'कब तक हिंदू समुदाय पर हमले करती रहेंगी ममता', रामनवमी पर हिंसा के बाद बोलीं स्मृति ईरानी