भारतीय सेना ने दावा किया है कि जम्मू कश्मीर से सटे पाकिस्तान के अंतर्राष्ट्रीय सीमा और लाइन ऑफ कंट्रोल पर सक्रिय आतंकियों के पास अमेरिका के वह हथियार पहुंच चुके हैं जो वह अफ़ग़ानिस्तान में छोड़ आए थे. इस नई चुनौती से निपटने के लिए सेना ने सीमा पर अलर्ट घोषित कर दिया है और साथ ही नए हथियारों से लैस पाकिस्तानी सैनिकों को करारा जवाब देने के लिए अपने जवानों को नए हथियारों से भी लैस कर दिया है.
पिछले करीब 3 दशकों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे सुरक्षाबलों को अब पाकिस्तान समर्थित आतंकियों से नई चुनौती का सामना करना है. सेना की मानें तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान में सक्रिय विभिन्न आतंकी संगठनों और आतंकियों के पास अमेरिकी सैनिकों के वह आधुनिक हथियार पहुंच गए हैं जो हथियार अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में छोड़ आए थे.
सीमा पार घुसपैठ की फिराक में बैठे इन हथियारबंद आतंकियों को जवाब देने के लिए सेना ने भी अब सीमा पर तैनात जवानों को नए हथियारों से लैस कर दिया है. भारतीय सैनिक न केवल इन हथियारों को चलाने की महारत हासिल कर रहे हैं बल्कि जम्मू कश्मीर के विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए भारतीय सेना के जवान आंखों पर पट्टी बांधकर इन हथियारों का इस्तेमाल करना भी सीख रहे हैं.
आतंकियों का मुकाबला करने के लिए जिन नए हथियारों को जम्मू कश्मीर में तैनात भारतीय सेना को जवानों को सौंपा गया है उनमें फ़िनलैंड में बनी सको स्नाइपर राइफल, इज़राइल में बनी नेगेव एलएमजी और अमेरिका में बनी सिग राइफल शामिल है. भारतीय सेना के जवान अब नए हथियारों को न केवल चलाने में महारत हासिल कर रहे हैं बल्कि इसके साथ ही इन हथियारों की बारीकियां भी समझ रहे हैं ताकि विपरीत मौसम की परिस्थितियों और जम्मू कश्मीर के दुर्गम हालत में इनका इस्तेमाल सही ढंग से किया जा सके.
जम्मू कश्मीर में दशकों तक सेना में कार्यरत रहे पूर्व अधिकारी सुभाष चंद्र की मानें तो उन्होंने 1971 की लड़ाई में हिस्सा लिया था. उनका दावा है कि उस समय पाकिस्तान के पास भारत से मजबूत और आधुनिक हथियार थे. लेकिन, अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं और भारतीय सेना न केवल आधुनिक और नए हथियारों से लैस है बल्कि वह आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करके पाकिस्तान की हर चुनौती का जवाब देने के लिए तैयार है.
इस समय जम्मू कश्मीर में मौसम खराब है और कोहरे और बर्फबारी के चलते जम्मू में पहाड़ी इलाकों के अधिकतर घुसपैठ के रास्ते बंद हो चुके हैं. ऐसे में अब पाकिस्तानी सेना और आईएसआई आतंकियों को मैदानी इलाकों से सटे सीमा से भारत में भेजने की फिराक में है. भारतीय सेना भी पाकिस्तान के नापाक मंसूबों से परिचित है जिसके बाद अब जम्मू में न केवल पाकिस्तान की इन मंसूबों का जवाब देने के लिए सीमा पर तैनाती बढ़ा दी गई है बल्कि पाकिस्तान की हर नापाक हरकत पर नजर रखने के लिए आधुनिक उपकरणों का भी सहारा लिया जा रहा है. सेना की मानें तो आधुनिक उपकरण और इन नए हथियारों के भारतीय सैनिकों के पास आने के बाद अब पाकिस्तान की हर नापाक साजिश का करारा जवाब ज्यादा सशक्त तरीके से दिया जाएगा.