Agnipath Recruitment Scheme: सेना में भर्ती की नई प्रक्रिया को लेकर देश के कई हिस्सों में लगातार युवाओं की तरफ से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके विरोध में उपद्रवियों ने ट्रेनें और बसें जलाई, पत्थरबाजी की और राजनेताओं के आवास को निशाना बनाया. दूसरी तरफ, केन्द्र सरकार और सेना की तरफ से 'अग्निपथ स्कीम' वापस नहीं लेने की मंशा जाहिर कर इसके फायदे के बारे में समझाया जा रहा है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि यह भारत का दुर्भाग्य है कि अच्छे उद्देश्य से की गई चीजें राजनीति में फंस जाती है.
उनकी तरफ से ये टिप्पणी ऐसे वक्त पर की गई है जब केन्द्र सरकार की तरफ से लाई गई नई भर्ती स्कीम अग्निपथ का जोरदार तरीके से विरोध किया जा रहा है. हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने सीधे इस स्कीम का हवाला नहीं दिया और उनका पूरा भाषण उनकी सरकार की तरफ से दिल्ली-एनसीआर में किए जा रहे विकास कार्यों पर ही फोकस रहा.
नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- "यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि अच्छी मंशा से लाई गई कई चीजें राजनीति के रंग में फंस जाती हैं. मीडिया भी टीआरपी की मजबूरियों के चलते उन चीजों में आ जाता है."
गौरतलब है कि अग्निपथ योजना का एलान केन्द्र सरकार की तरफ से मंगलवार को किया गया, जिसका मकसद चार वर्षों के लिए साढ़े सतरह साल से 21 साल तक आर्म्ड फोर्सेज में युवाओं को लाना है. लेकिन इतने कम समय के लिए भर्ती की वजह से बीजेपी पर लगातार निशाना साधा जा रहा है. इसके विरोध में कई राज्य खासकर उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और बिहार में उग्र प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. विरोध प्रदर्शन के बीच केन्द्र सरकार की तरफ से कई रियायतों की घोषणा की गई है.
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