चीन से चल रहे तनाव के बीच थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने शुक्रवार को लेह-लद्दाख का दौरा किया. उन्होंने कहा कि वास्तविक निंयत्रण रेखा पर हालत बेहद नाजुक बने हुए हैं लेकिन सेना किसी भी चुनौती से निपटने को तैयार है.
चीन से तनातनी के बीच सेना प्रमुख का दौरा
उन्होनें उम्मीद जाहिर की कि एलएसी पर चल रही टकराव को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है. दो दिन के लेह-लद्दाख दौरे पर गए थल सेनाध्यक्ष की तस्वीर सामने आई है. तस्वीर में थल सेनाध्यक्ष को एलएसी की फॉरवर्ड लोकेशन्स पर देखा जा सकता है. तस्वीर के अलावा सेना ने अधिकारिक बयान भी जारी किया है.
सेना के मुताबिक, जनरल नरवणे ने दौरे के क्रम में खुद एलएसी पर जाकर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने फील्ड कमांडर्स से एलएसी पर चीन की तैनाती के बारे में जानकारी ली. इसके अलावा उन्होंने अपने सैनिकों के मनोबल को बढ़ाया. थल सेना प्रमुख ने एलएसी की सुरक्षा करने वाली 3डिव (त्रिशूल डिवीजन) की ऑपरेशन्ल तैयारियों का जायजा भी लिया.
सैनिकों के बीच पहुंचकर बढ़ाया मान
एलएसी पर सैनिकों के रहने-खाने से लेकर बाकी साजो-सामान के बारे में उन्होंने जानकारी ली. इसका मकसद सर्दी के मौसम में सुपर हाई ऑल्टिट्यूड इलाकों में तैनात रहनेवाले सैनिकों की क्षमता को पहचानना था. इस दौरान थलसेना प्रमुख ने सैनिकों को उनकी बहादुरी के लिए आर्मी चीफ कमंडेशन कार्ड (बैच) से नवाजा. माना जा रहा है कि सम्मान पानेवालों में 29-30 अगस्त की रात पैंगोंग त्सो झील के दक्षिण इलाके में चीनी सेना को खदेड़नेवाले जवान भी शामिल थे. थलसेना प्रमुख के दौरे के दौरान उनके साथ उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी, लेह में 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह मौजूद थे. इस बीच शुक्रवार को भारत और चीन के बीच ब्रिगेडियर स्तर की पांचवीं बैठक करीब चार घंटे चुशुल में चली.
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