Telangana Assembly Election: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी ने राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक सलाहकार आईपीएसी के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका नेतृत्व कभी चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर किया करते थे. सूत्रों से पता चला है कि प्रशांत किशोर जो कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं शनिवार से ही हैदराबाद में तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव के आवास  पर डेरा डाले हुए हैं. इस अनुबंध को लेकर सीएम चंद्रशेखर के राव की काफी उम्मीदें हैं लेकिन इस अनुंबध ने कांग्रेस के साथ प्रशांत किशोर की सदस्यता को लेकर नई अटकलों को जन्म दिया है. प्रशांत किशोर देश की ग्रैंड ओल्ड पार्टी को एक बार फिर से नई जान फूंकने के लिए इसमें शामिल हो रहे हैं.


इस मुलाकात की एक और खास बात है कि केसीआर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ पूरे देश में लगातार विपक्षी एकजुटता की कोशिश भी कर रहे हैं. कांग्रेस के साथ अब 3 बैठकों में प्रशांत किशोर ने अपनी योजनाओं के बारे में बातचीत की है. प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को निर्णय के लिए 2 मई तक की समय सीमा भी दी है. पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के दिग्गज नेताओं के साथ सोमवार को एक बैठक करेंगी जिसमें इस मामले पर अंतिम निर्णय लिए जाने की संभावना है. 


प्रशांत किशोर अन्य पार्टियों से दूरी बनाएं!
हालांकि वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का मानना है कि राज्यों के विधानसभा चुनावों में प्रशांत किशोर को कांग्रेस की सलाहकार की भूमिका को लेकर सावधान रहना होगा, क्योंकि उनके प्रतिस्पर्धी दलों ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस के रणनीतिक सलाहकार भी वो रह चुके हैं. सूत्रों ने यह भी संकेत दिया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर के प्रस्ताव के मूल्यांकन करने के लिए जो विशेष टीम बनाई हो वो चाहती है कि प्रशांत किशोर अन्य सभी राजनीतिक पार्टियों से दूरी बना लें और खुद को पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित कर दें. हालांकि प्रशांत किशोर ने आधिकारिक तौर पर IPAC को पूरी तरह से छोड़ चुके हैं संगठन के सभी निर्णयों के बारे में उन्हें बताया जाता है क्योंकि उन्होंने इस संगठन का कई वर्षों तक नेतृत्व किया है.  


कांग्रेस को पीके की सलाह 2024 में 370 सीटों पर लड़े चुनाव 
सूत्रों की मानें तो प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के साथ बैठक में ये सलाह दी थी कि पार्टी साल 2024 के लोकसभा चुनावों में सिर्फ 370 सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी. इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस पार्टी को ये सलाह भी दी थी कि उन्हें ममता बनर्जी और केसीआर के साथ गठबंधन भी करना चाहिए. हालांकि ये एक ऐसी सलाह है जिसे कई दशक की दुश्मनी के बाद राज्य कांग्रेस इकाइयां इससे खुश नहीं होंगी. प्रशांत किशोर की कांग्रेस के साथ बातचीत के बाद अब ये अटकलें भी लगाईं जा रही हैं कि क्या चंद्रशेखर राव के साथ वो अपना संपर्क खत्म कर देंगे या फिर चुनावी रणनीतिकार अपनी टीम से दूरी बनाएंगे. 


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रशांत किशोर शनिवार सुबह 9.30 बजे दिल्ली से हैदराबाद पहुंचे थे. इस दौरान केसीआर और टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव से मुलाकात की जानकारी ये भी है कि रविवार को प्रशांत किशोर प्रगति भवन में ही रहेंगे और चुनावी चर्चाओं का दौर वहां भी चलेगा. इस बैठक के लिए टीआरएस प्रमुख ने किसी और नेता को आमंत्रित नहीं किया. 


300 करोड़ के अनुबंध की बात को केसीआर ने किया खारिज
तेलंगाना के सीएम केसीआर ने सबसे पहले प्रशांत किशोर को अपना सबसे अच्छा दोस्त होने का दावा किया था. फिर उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि उन्होंने पीके के साथ राजनीतिक रणनीतिकार के साथ राष्ट्रीय परिवर्तन लाने के लिए बातचीत भी की थी. उन्होंने 300 करोड़ रुपयों के अनुबंध की बात को खारिज करते हुए कहा, पिछले 7-8 सालों से प्रशांत किशोर के साथ मेरे अच्छे संबंध रहे हैं वो मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं उन्होंने कभी पैसों के लिए काम नहीं किया. वो कोई सैलरी लेने वाले कर्मचारी नहीं हैं आप सब देश के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को नहीं समझते हैं.


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