नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह हिला दिया. नौकरी पेशा लोगों की नौकरी गयी, मजदूरों का काम छिन गया और छोटे व्यापारियों के काम पर ताला लग गया. देश की अर्थव्यस्था की रफ्तार निगेटिव हो गई. इस सब परेशानियों से आम आदमी लड़ ही रहा था कि उसके ऊपर महंगाई का एक और पहाड़ टूट पड़ा. पेट्रोल-डीजल, गैस सिलेंडर, सीएनजी पीएनजी, प्लेटफॉर्म टिकट, हवाई यात्रा समेत कई रोजमर्रा की चीजों का के दाम बेताशा बढ़ गए.


महामारी की मार झेल रहे मध्यम वर्ग की महंगाई ने कमर तोड़ दी. डीजल के दाम बढ़ने से यात्रा भाड़ा, खाने पीने का सामान और सब्जियां भी महंगी हुई हैं. खबरों की मानें तो आने वाले दिनों में दूध के दाम भी बढ़ सकते हैं. एक तरफ बढ़ती बेरोजगारी और दूसरी तरफ बढ़ती मंहगाई में आम आदमी के लिए एक तरफ कुआं और एक तरफ खाई जैसा हाल हो गया है. आइए आपको बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों में देश में रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाली चीजों के दाम किस तेजी के साथ बढ़े हैं....


पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगी आग
महंगाई की सबसे ज्यादा मार पेट्रोल और डीजल पर पड़ी है. तेल की कीमतें सरकार के नियंत्रण से बाहर है. तेल कंपनियां रोजोना अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर कीमत तय करती हैं. लेकिन तेल कंपनियों पर आरोप लगता रहा है कि कच्चे तेल के भाव बढ़ने पर तो आम आदमी पर बोझ डाल दिया जाता है लेकिन भाव कम होने पर इसका लाभ नहीं दिया जाता. कोरोना काल में सरकार ने भी पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाकर जख्म पर नमक लगाने का काम किया.


राजधानी दिल्ली में 15 फरवरी 2021 को पेट्रोल की कीमत 88.99 रुपये प्रति लीटर थी. तो वहीं डीजल 79.35 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था. दिल्ली में आज एक लीटर पेट्रोल की कीमत 91.17 प्रति लीटर है और 81.47 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. यानी पिछले करीब 15 दिनों में दिल्ली में पेट्रोल 2.18 रुपये और डीजल 2.12 रुपये महंगा हो गया. तेल की कीमतों का खेल समझने के लिए आपको बता दें कि आप जब एक लीटर पेट्रोल खरीदते हैं तो उसमें करीब 60% का हिस्सा केंद्र और राज्य सरकारों को टैक्स के तौर पर जाता है.


किचन में घुसी महंगाई डायन, एलपीजी सिलेंडर 800 के पार
कठिन समय में आम आदमी पर चारों तरफ से महंगाई की मार पड़ रही है. पेट्रोल पंप पर तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं तो घर पर किचन में रखे सिलेंडर के भाव भी बढ़ गए हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ फरवरी के महीने में गैल सिलेंडर की कीमत में 100 रुपये से ज्यादा का इजाफा हुआ है. वही दिसंबर से लेकर अब तक गैस सिलेंडर 225 रुपये महंगा हो चुका है. एक दिसंबर को घरेलू सिलेंडर की कीमत 594 रुपये थी जो एक के बाद एक चार बढ़ोतरी के बाद 819 पर पहुंच गयी.


खाने पीने के आयटम भी हुए महंगे, मडिल क्लास त्रस्त
पेट्रोल, डीजल और गैस के दाम बढ़ने से खाने की पीने आयटम भी महंगे हुए हैं. व्यापारियों का कहना है कि डीजल मंहगा होने से सामान ट्रांसपोर्ट करने में मुश्किल हो रही है, इसलिए दाम बढ़ाने पड़े हैं. तेल के दाम बढ़ने से मीट, मछली, अंडा, दलहन, तेल और मसाले जासी चीजें भी महंगी हुई हैं. इसी तरह सब्जी के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है. नई फसल आने से आलू की कीमतों में तो कमी आयी है लेकिन अनुमान के मुताबिक अगर चार लोगों के परिवार में रसोई गैस का एक सिलेंडर एक महीने में खर्च होता है तो उसके खर्च में दिसंबर महीने के मुकाबले करीब 225 रुपये की बढ़ोतरी हुई है.


प्लेटफॉर्म टिकट, रेल और हवाई किराया भी हुआ महंगा
कोरोना काल में महंगी यात्रा का बोझ भी आम आदमी पर पड़ा है. प्लेटफॉर्म टिकट से लेकर रेल यात्रा और हवाई यात्रा के किराए में भी वृद्धि हुई है. सरकार की ओर से इस वृद्धि के पीछे कमाई में घाटे और कोरोना के दौरा भीड़ कम करने का तर्क दिया गया है. रेलवे के मुताबिक बढ़े हुए किराए की बात अगर आप कम दूरी के लिए करेंगे तो ये प्रतिशत में काफ़ी ज़्यादा लगेगा क्योंकि 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दो स्टेशनों के बीच अगर टिकट 10 रूपए का था तो अब 20 रूपए का मिलेगा. लेकिन अगर 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दो स्टेशनों के बीच के किराए की बात करें तो ये महज़ 10% के करीबी होगा.


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