नई दिल्लीः रेलवे ने विमानन कंपनी इंडिगो के 'वेब चेक इन' पर ग्राहकों से शुल्क वसूलने के फैसले पर सोमवार को चुटकी ली. रेल मंत्रालय ने ट्वीट करके कहा, "उड़ान पर वेब-चेकइन के लिये शुल्क क्यों ... जबकि आप गंतव्य तक पहुंचने के लिये ट्रेन ले सकते हैं.'' यह दूसरा मौका है जब रेलवे ने विमानन कंपनियों से यात्रियों को अपने पाले में लाने का प्रयास किया है. रेल मंत्रालय ने ट्वीट में कहा, "वेब चेकइन के लिये अतिरिक्त शुल्क देने की जरूरत नहीं है. अपने सामान की जांच के लिये कोई लंबी कतार लगाने की जरूरत नहीं है. गैर-जरूरी शुल्क से बचें और किफायती दरों में अच्छे पुराने साथी भारतीय रेलवे के साथ यात्रा करके अपने कार्बन पदचिह्न को कम करें."


इंडिगो ने 14 नवंबर से वेब चेक-इन पर शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है. कंपनी के इस कदम की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हो रही है. उधर, नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि वह इस फैसले की समीक्षा कर रही है.

इंडिगो का घरेलू विमानन क्षेत्र के बाजार 43 प्रतिशत हिस्सा है. जुलाई- सितंबर तिमाही में तीनों सूचीबद्ध विमानन कंपनियों इंडिगो, स्पाइसजेट और जेट एयरवेज घाटे में रही हैं. यही वजह है कि कंपनियां कमाई बढ़ाने के नये तरीके ढूंढ रही हैं. इंडिगो और स्पाइसजेट ने यात्रियों द्वारा खास सीट चुनने और यात्रा टिकट की पुष्टि आनलाइन करने पर शुल्क लगाया है.

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