नई दिल्ली: मिर्ज़ा अतहर ज़िया का एक शेर है ''मुझ में थोड़ी सी जगह भी नहीं नफ़रत के लिए, मैं तो हर वक़्त मोहब्बत से भरा रहता हूं''. इसी शेर की तरह जो लोग मोहब्बत से भरे होते है वह अमन की बात करते है. एक तरफ भारत और पाकिस्तान के बीच पुलवामा आतंकी हमले के बाद बेशक तनाव की स्थिति हो मगर इसी स्थिति में भी मोहब्बत करने वाले अपने लिए जगह ढूंढ लेते हैं. प्यार किसी सरहद का मोहताज नहीं होता. जहां इन दिनों दोनों देशों के कई लोग युद्ध की बात कर रहे हैं तो वहीं इसी बीच पाकिस्तान के सियालकोट की किरण और भारत के अंबाला के परविंदर ने शादी की है.
33 साल के परविंदर अंबाला के तेपाला गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने 27 साल की किरण सरजीत से सिख परंपराओं के अनुसार शादी की. बता दें कि दोनों की सगाई 2016 में ही हो गई थी. 2016 में किरण पटियाला के समाना में अपने मामा के घर आई थी. इसी दौरान उनकी मुलाकात परविंदर से हुई. फिर क्या था, आखें मिली और प्यार हो गया.
परविंदर ने कहा, ''सरजीत को मैं लंबे समय से जानता हूं क्योंकि वह मेरी चाची की दूर की रिश्तेदार हैं.'' परविंदर ने आगे कहा, ''उनका परिवार 1947 में विभाजन के दौरान सियालकोट चला गया था. वह पाकिस्तान के एक निजी स्कूल में पढ़ा रही थी. परिवार 45 दिन के वीजा पर भारत आया था.''
फरवरी में जब पाकिस्तान की तरफ से किए गए आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत हुई थी तो परविंदर काफी परेशान हो गए थे. किरण और उनका परिवार समझौता एक्सप्रेस के रद्द किए जाने के कारण सियालकोट से भारत नहीं आ पाए थे. किरण के पिता सुरजीत सिंह चीमा और मां सुमेरा चीमा के रिश्तेदार पंजाब और हरियाणा में रहते हैं. आज शादी के वक्त किरन के साथ उसकी बहन रमनजीत चीमा, भाई अमरजीत सिंह चीमा, बलजिंदर कौर आदि थे.
शादी के बाद परविंदर ने कहा,'' "मैं खुश हूं. मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह अंबाला के लिए मेरी पत्नी को वीजा प्रदान करे ताकि वह मेरे माता-पिता के घर पर मेरे साथ रह सके. वर्तमान में उसके पास केवल पटियाला के लिए वीजा है. हालाकि फिलहाल उसके साथ रहने के लिए पटियाला में किराए पर घर लिया है. मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार जल्द से जल्द इस मुद्दे को सुलझा लेगी.''
दुल्हन के पिता सुरजीत सिंह चीमा ने कहा, "अगर शांति बनी रहती है तभी दोनों देश आगे बढ़ सकते हैं और समृद्ध बन सकते हैं. पड़ोसी देशों के बीच तनाव क्षेत्र के लोगों के लिए अच्छा नहीं है. दोनों देशों को यह नहीं भूलना चाहिए कि उनके पास समान संस्कृति, समान लोग हैं.''
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