नई दिल्ली: सोमवार से राजधानी दिल्ली स्थित रक्षा मंत्रालय और सेना मुख्यालय में एक बार फिर से काम से शुरू हो गया है. लॉकडाउन के बाद पहली बार दफ्तर आए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीस और तीनों सेना प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. साथ ही सेना मुख्यालय में 50 प्रतिशत स्टाफ आया.


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 20 अप्रैल यानी सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित सभी उच्च अधिकारी राजधानी दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक पहुंचे. लॉकडाउन के बाद से ये पहली बार था कि राजनाथ सिंह दफ्तर पहुंचे. इससे पहले वे अपने घर से ही वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए मंत्रालय और सशस्त्र सेनाओं के कार्यों को मॉनिटर कर रहे थे.


सोमवार को रक्षा मंत्री ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक कर शेकतकर कमेटी की उन सिफारिशों पर चर्चा की जिसमें सशस्त्र सेनाओं की युद्ध क्षमताओं को मजबूत किया जा सके. इस मीटिंग में थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, वायुसेना प्रमुख आरे के एस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के साथ साथ रक्षा सचिव अजय कुमार और डीआरडीओ चैयरमेन भी मौजूद थे.


20 अप्रैल यानि सोमवार से ही भारतीय सेना के मुख्यालय सहित सभी कमांड मुख्यालयों में 50 प्रतिशत स्टाफ काम पर लौट आया. अभी मात्र 5-10 प्रतिशत अधिकारी ही काम पर आ रहे थे और बाकी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं.


14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में दूसरे चरण के लॉकडाउन की घोषणा 3 मई तक की थी. लेकिन उन्होनें साथ में ये भी कहा था कि 20 अप्रैल तक समीक्षा की जाएगी कि जिन जिन इलाकों में कोई कोरोना वायरस का मामला सामने नहीं आयेगा यानि हॉट-स्पॉट नहीं होंगे वहां लॉकडाउन में कुछ छूट दे दी जाएगी.


इसी कड़ी में भारतीय सेना ने समीक्षा करके फैसले लिया है कि राजधानी दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय के ऑपरेशन्स-रूम, मिलिट्री इंटेलीजेंस, ऑपरेशन्ल-लॉजिस्टिक और स्ट्रेटेजिक-मूवमेंट इत्यादि दफ्तरों में 50 प्रतिशत अधिकारी फिर से काम पर लौट आएंगे. सेना के मुताबिक, मेडिकल-सेवाओं से जुड़ा डीजीएमएस विभाग पूरी तरह से अपनी सेवाएं देता रहेगा क्योंकि ये कोविड-19 महामारी से लड़ने में अग्रणी सेवाएं दे रहा है.


इस बीच सेना ने सैनिकों को ड्यूटी ज्वाइन करने के नए आदेश जारी किए हैं. नए आदेश के तहत वहीं सैनिक छुट्टी, अस्थाई ड्यूटी, कोर्स से आएंगे जिन्हें उनके सैन्य स्टेशन से आर्डर मिला है. साथ ही जिन सैनिकों का सैन्य स्टेशन, छावनी और यूनिट 500 किलोमीटर के दायरे में हैं, वे प्राईवेट गाड़ी से रिपोर्ट करेंगे. जिनका 500 किलोमीटर से दूर है तो वे सैनिक निकटवर्ती छावनी में प्राईवेट गाड़ी से पहुंचेंगे.


नए आदेश के तहत ज्वाइन करने के लिए सबसे पहली प्राथमिकता उत्तरी कमान (जम्मू कश्मीर, लद्दाख) के सैनिक होंगे ज्वाइन करने के लिए. दूसरे नंबर पर पूर्वी कमान (बंगाल, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश इत्यादि) है.


जानकारी के मुताबिक, सभी सैनिकों को ग्रीन, यैलो और रेड जोन में बांटा गया है. ग्रीन में वो सैनिक हैं जिन्होनें 14 दिन कोरांटीन (क्वारंटीन) पूरा कर लिया है. यैलो में वो सैनिक है जिन्हें कोरांटीन करना है. रेड में वो हैं जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई पड़ रहा है. लेकिन सेना ने साफ किया है कि ये आदेश उन सैनिकों, रेजीमेंट और बटालियन पर लागू नहीं होंगे जो हॉटस्पाट या फिर कंटेनमेंट-जोन में है.


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