Farmers Protest: किसान नेताओं के साथ बातचीत के अलावा प्लान-B पर भी काम कर रही सरकार
तीन चरण की वार्ता के बाद गुरुवार को एक बार फिर सरकार और किसान नेता आमने-सामने होंगे. केंद्र सरकार की मानें तो उन्हें उम्मीद है कि किसानों को समझाने में सरकार कामयाब होगी. लेकिन किसानों के रुख से हल निकलता नजर नहीं आ रहा है.
किसान आंदोलन का बुधवार को सातवां दिन रहा लेकिन प्रदर्शनकारी किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. ऐसे में 3 नवंबर को किसान संगठनों के साथ एक बार फिर से सरकार की बातचीत होने जा रही है. इधर, किसान आंदोलन के चलते दिल्ली अस्थाई जेल में तब्दील होती जा रही है. दिल्ली को राज्यों से जोड़ने वाले ज्यादातर हाइवेज में आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है. इसकी वजह से सरकार ने किसानों से सीधी बातचीत के साथ प्लान-B पर काम शुरू कर दिया है ताकि दिल्ली के लोगों को परेशानी से बचाया जा सके.
तीन चरण की वार्ता के बाद गुरुवार को एक बार फिर सरकार और किसान आमने-सामने होंगे. केंद्र सरकार की मानें तो उन्हें उम्मीद है कि किसानों को समझाने में सरकार कामयाब होगी. लेकिन किसानों के रुख से हल निकलता नजर नहीं आ रहा है. सरकार के सूत्रों की मानें तो सरकार किसानों की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करेगी और उन्हें MSP समेत कई मुद्दों पर आश्वासन देने के लिए तैयार हो सकती है.
सूत्रों कि मानें तो सरकार इन तीन मुद्दों पर किसानों को आश्वासन दे सकती है:
1- सरकार ये कहेगी की मंडी सिस्टम को और अच्छा कर रहे हैं, इसलिए मंडी सिस्टम को समाप्त करने का सवाल ही नहीं.
2- एमएसपी के लिए सरकार किसानों को लिखित में आश्वासन दे सकती है.
3- लांग टर्म की समस्याओं के लिए सरकार एक कामेटी का गठन कर सकती है, जिसमे सरकार, किसान और एक्सपर्ट हो सकते.
ये हो सकता है प्लान बी--
सरकार का मानना है कि किसानों से बातचीत में मामला सुलझ जाएगा. लेकिन सरकार और किसानों में बात सार्थक नहीं होती और किसान अपना आंदोलन समाप्त नहीं करते तो सरकार प्लान बी पर काम शुरू कर सकता है. फिलहाल सरकार की ओर से इसका खुलासा नहीं किया गया है.
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