नई दिल्ली: केंद्रीय गोदामों में अतिरिक्त चावल को हैंड सैनिटाइटर बनाने के लिए इथेनॉल में परिवर्तित किया जाएगा और उत्सर्जन को कम करने के लिए पेट्रोल में भी जोड़ा जाएगा, सरकार ने आज एक आदेश में कहा कि देश में लॉकडाउन के बाद लाखों लोग भुखमरी के कगार पर हैं. कोरोना से लड़ने के लिए पिछले महीने ही देश में लॉकाडउन का एलान किया गया था जिसे अब बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है. सरकार ने एफसीआई के पास अधिशेष चावल को एथनॉल में तब्दील करने की योजना को मंजूरी दी.


नेशनल बायोफ्यूल कॉर्डिनेशन कमिटी (एनबीसीसी) की बैठक में इसपर निर्णय किया गया. पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की अध्यक्षता में एनबीसीसी की सोमवार को हुई बैठक में इस बात की मंजूरी दी गयी कि एफसीआई के पास उपलब्ध अधिशेष चावल को इथेनॉल में तब्दील किया जा सकता है ताकि अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का विनिर्माण हो सके और एथनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम में इसका उपयोग हो सके.’’





बता दें कि जब लॉकडाउन की शुरूआत हुई थी तब सरकार ने ये वादा किया था कि वो गरीबों को अगले तीन महीने तक खाना खिलाएगी और अतिरिक्त भोजन देगी. केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि हर व्यक्ति को 5 किलो मुफ्त चावल या दाल दिया जाएगा और कोई भी भूखा नहीं जाएगा. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक निम्न-आय वाले परिवार के लिए ये मदद दिए जाएंगे.


लेकिन ज्यादातर प्रवासियों के लिए यह उपलब्ध नहीं है क्योंकि वो जहां काम करते हैं वहां अपना राशन कार्ड लेकर नहीं जाते. कई ऐसे भी हैं जिनके पास राशन कार्ड है ही नहीं. ऐसे लोगों की संख्या करीब 50 लाख होने का अनुमान है जिसको देखते हुए विशेषज्ञ कहते हैं कि जन वितरण प्रणाली के जरिए ऐसे सभी को भोजन दिया जाना चाहिए.