वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पैंगोंग लेक के उत्तर और दक्षिणी तट पर 'डिसइंगेजमेंट' यानी सैनिकों को कम करने की प्रक्रिया चीन और भारत दोनों तरफ से तेजी के साथ शुरू हो चुकी है. दोनों तरफ से इसको लेकर आधिकारिक बयान दिया जा चुका है और तनाव कम करने की दिशा में इस अहम कदम माना जा रहा है. इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से एलएसी पर ‘डिसइंगेजमेंट’ को लेकर खड़े किए गए सवालों के बीच शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय की तरफ से इस पर विस्तृत जवाब दिया गया है.


डिसइंगेजमेंट पर बोले रक्षा मंत्रालय


रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में बयान जारी करते हुए कहा कि पैंगोंग त्सो लेक में वर्तमान में चल रहे डिसइंगेजमेंट को लेकर कुछ गलत सूचनाएं और भ्रमित टिप्पणियां मीडिया और सोशल मीडिया में चल रही हैं. इसको लेकर रक्षा मंत्रालय इस बात पर जोर देते हुए यह कहता है कि संसद के दोनों सदनों में रक्षा मंत्री की तरफ से तथ्यात्मक स्थिति साफ कर दी गई है.


रक्षा मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया- "यह आवश्यक हो गया है कि सोशल मीडिया और मीडिया पर जो गलत सूचनाएं चल रही हैं, उसको काउंटर किया जाए. यह कहना कि भारत का क्षेत्र फिंगर 4 तक है यह सरासर गलत है. भारत का क्षेत्र भारत के नक्शे में है, जिसमें वर्तमान में 43 हजार स्क्वायर किलोमीटर जमीन चीन की तरफ से साल 1962 से अवैध रूप से कब्जे में है."


रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत की तरफ से यह माना जाता है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा फिंगर 8 तक है ना कि फिंगर 4 तक. इसलिए भारत लगातार फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग अधिकार बहाल रख है, जिसमें वर्तमान में चीन के साथ वर्तमान में हुआ समझौता शामिल है.


पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे में दोनों तरफ स्थाई पोस्ट पुराना और अच्छे तरीके से बनाए गए हैं. भारत की तरफ धान सिंह थापा पोस्ट फिंगर 3 के पास है और चीन की तरफ फिंगर-8 के पूर्व में है. वर्तमान समझौता दोनों पक्षों द्वारा आगे सेना की तैनाती को रोकने और परमानेंट पोस्ट पर जवानों की तैनाती को बनाए रखने की है. बयान में आगे कहा गया है कि रक्षा मंत्री ने भी इस बारे में स्पष्ट किया है कि हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग समेत लंबित मुद्दों का समाधान किया जाएगा. पैंगोंग त्सो में डिसइंगेजमेंट के 48 घंटे के बाद अन्य लंबित मुद्दों को उठाया जाएगा.


इससे पहले, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चीन के साथ पैगोंग पर हुए सेनाओं की वापसी के समझौते पर मोदी सरकार पर बड़ हमला बोला. राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 'कायर' हैं और उन्होंने भारत की जमीन चीन को सौंप दी है.


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