सर्वे: भारत में कोरोना के मामले 4 लाख पार जाने के बाद 61% भारतीय दुखी, जानें बाकी लोगों की क्या है कोविड-19 पर सोच
हालत ऐसी भयावह है जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के तीन अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते वहां पर भर्ती मरीजों की मौत हो गई.कोरोना मरीजों के लिए कम पड़े आईसीयू बेड्स, ऑक्सीजन बेड्स, ऑक्सीजन, टेस्टिंग और दवाईयों के लिए उसके परिजन खाक छानते फिर रहे हैं.
भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के बाद यहां की स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ाती हुई नजर आ रही है. पिछले साल 10 सितंबर को कोरोना के केस 97 हजार 400 आए थे जो अब 4 गुणा बढ़कर 4 लाख के करीब जा पहुंचा है. कोरोना की दूसरी लहर में जो सबसे ज्यादा चिंता करने वाली चीज है वो है इसका बहुत तेजी के साथ फैलना. 14 मार्च को कोविड-19 के सिर्फ 16 हजार मामले आए थे जो महज 45 दिनों में बढ़कर 4 लाख 2 हजार हो गए. कोरोना की ऐसी सुनामी की किसी ने कल्पना नहीं तक की थी.
कोरोना मरीजों के लिए कम पड़े रहे आईसीयू बेड्स, ऑक्सीजन बेड्स, ऑक्सीजन, टेस्टिंग और दवाईयों के लिए उसके परिजन दर-दर की खाक छानते फिर रहे हैं. हालत ऐसी भयावह है जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के तीन अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते वहां पर भर्ती मरीजों की मौत हो गई.
कोरोना के चलते बनी इस विकराल स्थिति के बीच लोकल सर्कल्स ने भारत के 324 जिलों के 25 हजार लोगों से सर्वे कर यह जानने का प्रयास किया कि इस वक्त वे क्या सोचते हैं. और आने वाले दिनों में इससे पार पाने के लिए वह क्या राय रखते हैं.
दूसरी लहर के बीच 61 भारतीय फीसदी दुखी
पहला सवाल- लोगों से यह पूछा गया कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दूसरे महीने में आप इस वक्त कैसा महसूस कर रहे हैं?
जवाब: इसके जवाब में 23 फीसदी लोगों ने खुद को दुखी बताया, 8 फीसदी ने परेशान या उदास बताया जबकि 20 फीसदी लोगों ने खुद को नाराज और गुस्से में बताया जबकि 10 फीसदी लोगों ने कहा कि वे काफी दुखी हैं.हालांकि, 7 फीसदी ने खुद को शांति महसूस करना बताया, 28 फीसदी लोगों की सोच साकारात्मक थी.
दूसरा सवाल- क्या आप मानते हैं कि कोविड-19 को लेकर भारत सरकार सही दिशा में कदम उठा रही है?
जवाब- इस सवाल का जवाब 41 फीसदी लोगों ने हां में दिया. हालांकि, 45 फीसदी लोगों ने इसका जवाब नहीं में दिया. जबकि 14 फीसदी ने कहा कि वे इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं. कुल मिलाकर लोगों की प्रतिक्रिया इस सवाल पर बटी हुई थी कि कि कोविड-19 को लेकर भारत सही दिशा में है या नहीं. इस सवाल में 8 हजार 367 लोगों से राय ली गई थी.
तीसरा सवाल- कोरोना के बढ़े हुए मामले खासकर पिछले 4 हफ्तों के दौरान जो देखने को मिले हैं, ऐसे में आपको कितना विश्वास है कि एक्सपर्ट ने इसके मूल जड़ को हैंडल किया है, जो इसकी असली वजह है?
जवाब- इसके जवाब में 51 फीसदी लोगों ने इसमें शंका जाहिर की है कि कोविड-19 की दूसरी लहर की मूल वजह को एक्सपर्ट ने सही तरीके से हैंडल किया है. 18 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है. जबकि 28 फीसदी ने कहा थोड़ा सा विश्वास है. 23 फीसदी ने सर्वे में बताया कि उन्हें बिल्कुल भी विश्वास नहीं है. 6 फीसदी ने कहा कि वे कह नहीं सकते हैं.