नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन से चल रही तनातनी के बीच थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे दो दिन के उत्तर-पूर्व के राज्यों के दौरे पर हैं.. इस दौरान थलसेनाध्यक्ष ने अरूणाचल प्रदेश में तैनात सैनिकों को एलएसी पर अलर्ट रहने के साथ-साथ सभी ‘गतिविधियों’ पर पैनी नजर बनाए रखने का आदेश दिया.


थलसेना प्रमुख दो दिन के दौरे पर गुरुवार को नागालैंड के दीमापुर पहुंचें. दीमापुर में 3कोर (स्पीयर कोर) के मुख्यालय में कोर कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल जॉनसन मैथ्यू और सभी डिवीजनल कमांडर्स ने अरूणाचल प्रदेश से लगी उत्तरी सीमा यानी चीन से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) की मौजूदा स्थिति और सेना की ऑपरेशनल तैयारियों से अवगत कराया. थलसेना प्रमुख ने एलएसी से सटे इलाकों का भी दौरा किया.


सेना के प्रवक्ता, कर्नल अमन आनंद के मुताबिक, इस दौरे के दौरान, जनरल नरवणे ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर निगरानी बनाए रखने के लिए सभी सैनिकों की सराहना की और उन्हें सतर्क रहने के साथ साथ एलएसी पर चीन की सभी गतिविधियों पर पैनी नजर रखने का आदेश दिया.


आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर इन दिनों फिर से तनाव पैदा हो गया है. फरवरी के महीने में पैंगोंग-त्सो झील से सटे इलाकों में पहले चरण के डिसइंगेजमेंट के बाद अब चीन बाकी विवादित-क्षेत्रों से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है. साथ ही चीन की पीएलए सेना एक बार फिर से पूर्वी लद्दाख से सटे तिब्बत के इलाके में इन दिनों एक बड़ा युद्धभ्यास कर रही है. हालांकि, चीनी सेना हर साल गर्मियों के आने पर ये मिलिट्री-एक्सरसाइज करती है. लेकिन पिछले साल इस युद्धभ्यास के बहाने ही चीन ने कोरोना महामारी के दौरान बड़ी तादाद में अपने सैनिकों को एलएसी पर तैनात कर विवादित इलाकों में घुसपैठ की कोशिश की थी. इसीलिए इस बार भारतीय सेना पूरी तरह से सतर्क और चौकस है. क्योंकि भारत में एक बार फिर से कोरोना की दूसरी लहर ने बेहद तेजी से देशभर में दस्तक दी है. महामारी में कोरोना से लड़ने के लिए राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए सेना की तीनों अंगों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना को लगाया गया है.


यही वजह है कि अप्रैल के महीने में थलसेना प्रमुख ने पूर्वी लद्दाख के फॉरवर्ड लोकेशन का भी दौरा कर सेना की तैयारियों का जायजा लिया था. और अब अरूणाचल प्रदेश से सटी एलएसी का दौरा किया है. क्योंकि खबर ये भी है कि अरूणाचल प्रदेश से सटे तिब्बत के इलाके में चीन की सेना बेहद तेजी से सड़क, हाईवे और नए गांव बसा रहा है. ये नए गांव युद्ध की परिस्थितियों में सैनिकों के बैरक मे तब्दील किए जा सकते हैं.


शुक्रवार को दिल्ली लौटने से पहले थलसेना प्रमुख ने म्यांमार सीमा और पूरे उत्तर-पूर्व के राज्यों की आंतरिक सुरक्षा की समीक्षा की. इस दौरान जनरल नरवणे ने सभी सैनिकों को जोश और उत्साह के साथ काम करने का आहवान किया.


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