Twitter से गतिरोध पर बोले रविशंकर प्रसाद- किसी प्लेटफॉर्म को नहीं करना चाहते बैन, लेकिन दी ये कड़ी हिदायत
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा- हम किसी भी प्लेटफॉर्म को बैन करने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन आपको कानून का पालन तो करना होगा. उन्होंने कहा कि अगर कोई ऐसा मैसेज जो सीमापार से आया, लेकिन भारत में किसे इसने शुरू किया, ये सभी चीजों तो पूछी ही जाएंगी. यह लोगों के हित में है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और सरकार के बीच चले आ रहे गतिरोध पर केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साफ करते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह से निष्पक्ष है. उन्होंने कहा कि अगर किसी देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति समेत आधी सरकार ट्विटर पर है तो यह जाहिर होता है कि हम निष्पक्ष हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन नियम तो नियम है. केन्द्रीय मंत्री ने कहा- हम किसी भी प्लेटफॉर्म को बैन करने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन आपको कानून का पालन करना होगा.
रविशंकर ने कहा, "हम सभी मैसेज को डिस्क्रिप्टेड नहीं करना चाहते हैं. यह मेरा शब्द है कि सभी ऑर्डिनरी व्हाट्सएप यूजर इसे जारी रखें. लेकिन अगर कोई कंटेंट वायरल होता है, जिसकी वजह से मॉब लिंचिंग, दंगा, हत्या, महिलाओं को बिना कपड़े के दिखाने या फिर बच्चों का यौन शोषण होता है तो इन सीमित कैटगरी में आपसे यह पूछा जाएगा कि किसने यह दुस्साहस किया."
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर कोई ऐसा मैसेज जो सीमापार से आया, लेकिन भारत में किसे इसने शुरू किया, ये सभी चीजों तो पूछी ही जाएंगी. यह लोगों के हित में है.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि जब वाशिंगटन के कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद) पर हंगामा हुआ था उस वक्त आपने राष्ट्रपति समेत कई लोगों के ट्विटर एकाउं बंद किए थे. किसान आंदोलन के दौरान आतंकियों के समर्थकों की तरफ से लालकिला पर धावा बोला गया और तलवार दिखाई गई. पुलिसवलों को घायल किया गया और उन्हें धक्के देकर गड्ढे में गिराया गया. उस वक्त यह स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति थी.
If Capitol Hill is US' pride, Red Fort is India's where PM hoists Tricolour. You show parts of Ladakh as China's part. It takes a fortnight for us to pursue you to remove it. This isn't fair. As democracy, India is equally entitled to safeguard its digital sovereignty: RS Prasad pic.twitter.com/Yg8f5W3fF1
— ANI (@ANI) June 17, 2021
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि अगर कैपिटल हिल अमेरिका की शान है तो लालकिला भी भारत की शान है, जहां पर प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं. आप लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाते हो. इसे आपसे कहकर हटवाने में हमें पन्द्रह दिन लग जाते हैं. यह सही नहीं है. एक लोकतंत्र के रूप में भारत समान रूप से अपनी डिजिटल संप्रभुता की सुरक्षा का अधिकार रखता है.
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