पटना l बिहार में कोरोना वायरस से के खिलाफ अपनी प्रतिरक्षण प्रणाली को मजबूत करने के तरीकों की तलाश कर रहे लोग इन दिनों राज्य की राजधानी पटना स्थित राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल में भारी संख्या में पहुंच रहे हैं. पटना स्थित राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक विजय शंकर दुबे ने बताया कि सामान्य दिनों में रोजाना यहां करीब 100 लोग आया करते थे, वर्तमान में उनकी संख्या बढ़कर 300 तक पहुंच गई है.


उन्होंने कहा कि हालांकि इस अस्पताल को कोविड-19 मरीजों को समर्पित अस्पताल के तौर पर नामित नहीं किया गया है पर यहां लोगों को उनकी प्रतिरक्षा को मजबूत करने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं प्रदान की जा रही है. दूबे ने कहा कि ऐसे समय में जब सामान्य अस्पताल में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है, हम अपने अस्पताल में टीकाकरण की सुविधा के साथ अन्य आयुर्वेदिक सुविधाओं के जरिए लोगों की हर संभव मदद कर रहे हैं. अस्पताल के उपाधीक्षक धनंजय शर्मा ने कहा कि यहां आयुष काढ़ा लोगों को मुफ्त में वितरित करने के साथ कोरोना संकट में सुरक्षित रहने के लिए योग सत्र आयोजित किए जा रहे हैं.


डॉ अमरेन्द्र कुमार सिंह ने दी ये जानकारी 


अस्पताल के एक अन्य चिकित्सक डॉ अमरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा, ‘‘हम लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए काढा, धनवती और च्यवनप्राश लिख रहे हैं. हम फोन पर जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा परामर्श भी दे रहे हैं.’’ शर्मा और सिंह जो कि पूर्व में कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से ठीक हुए थे. दुबे ने कहा कि इस अस्पताल में सामान्य रोगियों के लिए कुल 140 बिस्तर हैं और कोरोना महामारी की चुनौतियों का सामना करने के लिए अस्पताल प्राधिकरण ने मातृत्व और शिक्षा उद्देश्यों के लिए कुछ कर्मचारियों को छोड़कर, सभी डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और अन्य कर्मचारियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया है. शर्मा ने कहा कि हमारे पास लगभग 10 डॉक्टर और 45 पैरामेडिक्स हैं. हमने डॉक्टरों के छह खाली पदों को भरने के लिए स्वास्थ्य विभाग को अनुरोध भेजा है.


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