देश में लगातार पेट्रोल और डीज़ल के दाम आसमान छू रहे है और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों में तकरीबन 40 % का इजाफा हुआ है. जिसके बाद भारत में बल्क यूज़र्स के लिए डीज़ल के दाम और रिटेल यूज़र्स के लिए पेट्रोल और डीज़ल दोनों के दामो में बढ़ोतरी कर दी गई है. 


तेल के दामों में बढ़ोतरी की वजह कहीं ना कहीं रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध भी मानी जा रही है. हालांकि इस बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 137 दिन बाद इजाफा हुआ है दिवाली से पहले लगातार यह कीमतें कई महीने तक बढ़ती रहीं थी जिस के बाद एक वक्त ऐसा आया था जब राजधानी दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में भी पेट्रोल की कीमतों ने सेंचुरी पार कर ली थी. 


देश में बढ़ रहा है इलेक्ट्रिक स्कूटर का बाजार


शायद यही वजह है कि भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) का बाजार लगातार बढ़ता जा रहा है. एक्सपोर्ट से लेकर आम आदमी तक आने वाले वक्त में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को मार्केट कैप्चर करते हुए देख रहे हैं. इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर इस वक्त भारत मे मार्केट कैसे काम कर रही है इसको जानने के लिए हमने अकासा फाइनांस के मैनेजिंग डायरेक्टर रोहिट मेहता से बात की जिन्होंने हमें बताया कि कैसे इस वक्त इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV)की मार्केट में मैसिव डिमांड देखी जा रही है. 


ऐसे लोग जिनका तेल के दामों में बढ़ोतरी का सैलरी पर हो रहा है वह भी अब इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरफ शिफ्ट कर रहे हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इनकी कंपनी लोगों को फाइनेंस  देती है और रोहित बताते है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड इतनी ज़्यादा है कि अगर उन के पास 100 करोड़ भी होंगे तो वह  मार्केट में फाइनेंस के लिए कम है.


ई-रिक्शा लाई है इलेक्ट्रिक बाजार में रेवोल्यूशन 


रोहित मेहता ने कहा कि मेरे पास 100 करोड़ रुपये हों तो वह भी कम पड़ जाएंगे अगर मैं फाइनेंस करूं क्योंकि इसकी डिमांड बहुत ज्यादा है. इस मार्केट में रिवॉल्यूशन इलेक्ट्रिक रिक्शा लेकर आई है. उन्होंने कहा कि इंदौर, गुवाहाटी, भोपाल और भुवनेश्वर जैसे शहरों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड बढ़ रही है. टीयर वन शहरों में अभी इसकी डिमांड कम है.
 
टियर 2 सिटी में इसकी डिमांड ज्यादा है और लोग इसका इस्तेमाल भी ज्यादा कर रहे हैं इसकी सबसे बड़ी वजह के वहां लोगों के अपने घर होते हैं और वह अपने घर में आसानी से चाहे इलेक्ट्रिक स्कूटर हो या इलेक्ट्रिक साइकिल उसकी चार्जिंग आराम से कर पा रहे हैं.


टीयर टू शहरों में लोगों का अपना घर होता है जहां पर इलेक्ट्रिकल कनेक्शन लगाना लोगों के लिए आसान होता है और अगर टीयर वन सिटी को देखें तो वहां पर इलेक्ट्रिक व्हीकल लोगों के लिए लगाना काफी मुश्किल होता है क्योंकि लोग अपार्टमेंट्स और सोसाइटीज में रहते हैं.


टीयर टू सिटी में बढ़ रहा है लोगों का इंटरेस्ट


टीयर टू सिटी के लोगों का इलेक्ट्रिकल व्हीकल की तरफ इसलिये भी इंटरेस्ट ज्यादा बढ़ रहा है क्योंकि वह पैसों को लेकर भी काफी जागरूक होते हैं. सभी स्टेट गवर्नमेंट इसको लेकर रुझान बढ़ा रहे हैं. बैटरी स्टेशंस बढ़ रहे हैं काफी लोग चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में काम कर रहे हैं. आज परेशानी सप्लाई की है डिमांड की परेशानी नहीं है.


बेचने में इसको बिल्कुल भी दिक्कत नहीं है. अगर टाटा की ईवी देखे तो उसकी डिमांड इतनी ज्यादा है कि सात आठ महीने की वेटिंग है. इलेक्ट्रिक व्हीकल के फंक्शन और आने वाले वक्त में उसके फ्यूचर के बारे में हमने ऑटो एक्सपर्ट राज कपूर ने कहा कि इस समय इंडिया में टू व्हीलर पर लोग ज्यादा शिफ्ट हो रहे हैं.


लोग इस बारे में ज्यादा सोच रहे हैं. इसकी बड़ी वजह इसका सुपर साइलेंट होना है. पावर डिलीवरी में यह एक नॉर्मल पेट्रोल और डीजल इंजन से बहुत ज्यादा अच्छी है. इसमें इतनी स्मूथली और इतनी जल्दी पावर आती है कि जो पुरानी टेक्नोलॉजी की गाड़ी चला रहा था वह फौरन इसकी तरफ आकर्षित हो जायेगा. 


डिमांड के साथ सप्लाई में भी आयेगी तेजी


मेहता ने कहा कि यदि सरकार की तरफ से बढ़ावा मिलता है तो आने वाले वक्त में इसकी डिमांड के साथ-साथ सप्लाई भी तेजी से बढ़ेगी. जिस तरह से देश के कई बड़े शहरों में प्रदूषण की समस्या एक बड़ी समस्या बन रही है तो इसको देखते हुए खास तौर से राजधानी दिल्ली जैसे शहर में इसके बड़े-बड़े चार्जिंग पॉइंट शहर के अंदर लग गए हैं.


वहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल को चार्ज करने में सिर्फ 350-370 रुपये लगते हैं. सरकार की तरफ से भी इस को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं और एक्सपर्ट्स मानते है कि अगर ऐसे ही गवर्नमेंट और स्टेट सपोर्ट इसको मिलता रहा तो इसकी स्टेबिलिटी बढ़ जाएगी.


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