कोरोना वायरस के यू टर्न के बीच पूर्वी दिल्ली के बाजार में लापरवाह हुए लोग, दुकानों में उड़ी सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां
दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बावजूद क्या लोग कोविड 19 से सम्बन्धित जरूरी सावधानियां बरत रहे हैं? एबीपी न्यूज की पड़ताल में हमने ये आंकलन करने की कोशिश की कि कितने लोग मास्क पहने हैं. क्या चालान हो रहा है?लोगों से मास्क ना पहनने के पीछे का कारण भी जाना गया है.
नई दिल्लीः दिल्ली सरकार की ओर से 20 फरवरी से लेकर 26 फरवरी तक जारी किए गए कोरोना के आंकड़ें के मुताबिक़ देश की राजधानी में महज़ एक हफ़्ते में कोरोना के 206 एक्टिव मामले बढ़ गए हैं. साथ ही होम आइसोलेशन में 144 कोरोना मरीज़ो की बढ़ोतरी हुई है.राजधानी में लगातार कोरोनावायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या साफ इशारा कर रही है कि राजधानी में सतर्कता बढ़ाने की कितनी ज्यादा जरूरत है.
पूर्वी दिल्ली के खिचड़ीपुर स्तिथ दुर्गा
मार्केट में मास्क की दुकान तो दिख रही हैं लेकिन मास्क पहने लोगों की संख्या कम है.मार्केट घूमने वाले या दुकानदारों को मिलाकर करीब 50 प्रतिशत लोग ही मास्क का इस्तेमाल करते दिख रहे हैं. मास्क क्यों नही पहना है? सवालों के जवाब जानने के लिए हमने लोगों से बात करने की कोशिश की - किसी का कहना था कि गर्मी के कारण मास्क नही पहना, तो कोई "मास्क जेब में है" कह कर सवाल टालता नजर आया. कोई कैमरा देख कर सतर्क हो गया तो किसी ने हंसते हुए सवाल से बचने की कोशिश की.बाजार आने वाले कई ग्राहक दुकानों में शारीरिक दूरी व मास्क आदि के प्रति सावधानियों का पालन नहीं कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में संक्रमण की दृष्टि से खतरे आशंका बनती दिख रही है. यानि तस्वीर और लोगों का ढीला रवैया बताने के लिए काफी है कि कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर आम लोग ढिलाई बरतने लगे हैं.
दुकानों ग्राहक राशन व दैनिक दिनचर्या के अतिरिक्त दूसरे सामान की खरीदारी कर रहे हैं लेकिन मास्क, सैनिटाइजर व शारीरिक दूरी जैसे नियम भीड़ के कारण तार-तार हो रहे हैं. जिम्मेदारों की उदासीनता, लोगों की लापरवाही और स्थानीय कुप्रबंधन के चलते हर रोज लाखों की संख्या में लोग एक-दूसरे की जान को खतरे में डाल रहे हैं, इस वक्त जरूरी है कि समय रहते भीड़ प्रबंधन के पुख्ता इंतजाम किए जाएं और बिगड़ी हुई स्तिथि को नियंत्रित किया जाए.