नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में बढ़ी हलचल के बीच मोदी सरकार ने आज सुबह 9.30 बजे प्रधानमंत्री आवास पर कैबिनेट बैठक शुरू हुई. सूत्रों के हवाले से खबर है कि कैबिनेट की इस बैठक में कश्मीर के मौजूदा हालात पर चर्चा हो सकती है और कुछ महत्वपूर्ण फैसला हो सकता है. मोदी सरकार ने कैबिनेट की बैठक ऐसे वक्त में बुलाई है जब जम्मू-कश्मीर में अलर्ट को लेकर देश भर में सरगर्मी तेज हैं. कश्मीर में हालात पर राज्यपाल ने देर रात की डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी के साथ बैठक की. राज्यपाल ने चीफ सेक्रेट्री से जम्मू कश्मीर के हर घंटे हालात पर रिपोर्ट मांगी है.


गौरतलब है कि रविवार को कैंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शीर्ष अधिकारियो के साथ बैठक की थी. इस बैठक में शाह के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत होभाल और गृह सचिव राजीव गौबा भी मौजूद थे. सूत्रों के हवाले से खबर है कि अमित शाह ने सुरक्षा मामले को लेकर बैठक की है. हालांकि इस बैठक को भी कश्मीर की हलचल से जोड़कर देखा जा रहा है. गौरतलब है कि मोदी मंत्रीमंडल की बैठक आम तौर पर बुधवार को होती है. लेकिन, इस बार सोमवार को बैठक बुलाई है.


कश्मीर में रविवार को भी तनावपूर्ण स्थिति बनी रही, अधिकारियों ने आतंकवादी खतरे और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर शत्रुता बढ़ने के बीच अहम प्रतिष्ठानों और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा बीच में ही समाप्त करने और तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों से यथाशीघ्र घाटी छोड़ने के लिए कहे जाने के बाद परेशान स्थानीय लोग घरों में जरूरी सामानों का स्टॉक करने के लिए दुकानों और ईंधन स्टेशनों पर लंबी-लंबी कतारों में खड़े नजर आए.


संसद में उठ सकता है मुद्दा, सरकार देगी जवाब?
कश्मीर में चल रहे हालात के मद्देनजर लोकसभा में विपक्ष सरकार से बयान देकर स्थिति साफ करने की मांग कर सकता है. गौरतलब है की शनिवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सरकार से संसद में इस मुद्दे पर स्थिति साफ करने की मांग की है. इसके इलावा जेडीयू ने अमरनाथ यात्रा पर जारी एडवाइजरी पर सफाई मांगी है. उम्मीद है कि आज सदन में मोदी सरकार कश्मीर से जुड़े सभी सवालों का जवाब देकर अस्मंजस की स्थिति की खत्म करेगी.


कश्मीर के नेता नजरबंद, घर से बाहर निकलने की इजाजात नहीं
जम्मू कश्मीर में जारी उखलपुथल के बीच पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है. दोनों नेताओं को घर बाहर निकलने की इजाजत नहीं है. वहीं कांग्रेस नेता उस्मान माजिद और सीपीआई (एम) विधायक एम वाई तारिगामी ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिये ऐहतियाती कदम के तौर पर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से रोक दी गयी हैं. श्रीनगर में धारा 144 लागू किया गया है. जम्मू-कश्मीर सरकार के मुताबिक, पांच अगस्त की आधी रात से श्रीनगर जिले में धारा 144 लागू कर दिया गया है. यह अगले आदेश तक लागू रहेगा. कोई भी सभाएं नहीं होंगी और सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे.


राज्य के नेताओं का फैसला, 370-35ए हटाने का विरोध करेंगे
जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों ने राज्य को विशेष दर्जे की गारंटी देने वाले संवैधानिक प्रावधानों को रद्द करने या राज्य को तीन हिस्सों में बांटने की कोशिश से जुड़े किसी कदम का विरोध करने का फैसला किया. नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है. इसके साथ ही संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 ए को रद्द करने की किसी कोशिश के परिणामों से उन्हें अवगत कराने का फैसला किया है. यह बैठक ऐसे समय हुई है जब आतंकवादी हमले की आशंका और नियंत्रण रेखा पर तनातनी बढ़ने के बीच कश्मीर घाटी में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाए जाने के साथ ही तनाव की स्थिति रही.